मैनचेस्टर: दुनियाभर में इस समय नस्लवाद का मुद्दा छाया हुआ है. अमेरिका में जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस कस्टडी में मौत के बाद से ही दुनिया के हर कोनों से नस्लवाद के खिलाफ आवाज उठने लगी. क्रिकेट जगत में भी इसके खिलाफ आवाज उठी.
वेस्टइंडीज के खिलाफ डेरेन सैमी, क्रिस गेल आदि प्लेयर्स ने नस्लवाद का विरोध किया. वेस्टइंडीज के कप्तान जेसन होल्डर ने नस्लीय टिप्पणियां करने वाले दोषी खिलाड़ियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की और कहा कि उन्हें डोपिंग और मैच फिक्सिंग करने वाले दोषी खिलाड़ियों की तरह ही सजा मिलनी चाहिए.
होल्डर ने ‘बीबीसी स्पोर्ट’ से कहा कि मुझे नहीं लगता कि नस्लवाद की सजा डोपिंग या भ्रष्टाचार की सजा से अलग होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर हमारे खेल में कुछ मुद्दे हैं तो हमें उन्हें बराबरी से निपटना चाहिए.
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के नियमों के अनुसार एक खिलाड़ी को मैदान पर नस्लीय टिप्पणी करने के लिए आजीवन प्रतिबंधित किया जा सकता है, अगर उसने तीन बार नस्लीय रोधी संहिता का उल्ल्ंघन किया हो. पहली बार ऐसा करने पर चार से आठ निलंबन अंक खिलाड़ी के खाते में जुड़ जाते हैं.
दो निलंबन अंक एक टेस्ट या दो एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय या दो टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों के बराबर होते हैं. मेजबान इंग्लैंड के खिलाफ आठ जुलाई से शुरू होने वाली तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में टीम की अगुआई करने वाले होल्डर ने कहा कि प्रत्येक श्रृखंला से पहले खिलाड़ियों को नस्लीय रोधी चीजों के बारे में बताना शुरू किया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि डोपिंग रोधी और भ्रष्टाचार रोधी बातों के अतिरिक्त शायद हमारे लिए प्रत्येक श्रृंखला शुरू होने से पहले नस्लीय रोधी बातों को भी बताया जाना चाहिए.
होल्डर ने कहा कि मेरा संदेश है कि इसके प्रति और शिक्षित होने की जरूरत है. मैंने कभी नस्लीय टिप्पणी का अनुभव नहीं किया है, लेकिन अपने चारों ओर इसकी बातें सुनी और कुछ देखी हैं.