नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय सोमवार को उन याचिकाओं पर सुनवाई करेगा, जिसमें दिल्ली के निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात द्वारा आयोजित धार्मिक आयोजन में शामिल होने वाले विदेशियों को ब्लैकलिस्ट (काली सूची में डालना) किया गया है.
क्या होता है ब्लैकलिस्ट-
ब्लैकलिस्ट उन सभी भारतीय और विदेशी नागरिकों के नामों का संकलन है, जिनके खिलाफ गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा जारी लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) जारी किया जाता है.
विदेश मंत्रालय के विदेश विभाग द्वारा तैयार की गई सूची को सभी भारतीय राजनयिक मिशनों के साथ-साथ भारत के अंदर सभी आव्रजन चेक-पॉइंट के साथ साझा किया जाता है, ताकि कुछ व्यक्तियों के देश से बाहर निकलने या प्रवेश को रोका जा सके. जो या तो उनकी व्यक्तिगत क्षमता की वजह से या उनके किसी संगठन से जुड़े होने की वजह से होता है.
ब्लैकलिस्ट में रखने के लिए एलओसी जारी करने की जरूरत
किसी व्यक्ति या संगठन को ब्लैकलिस्ट में रखने के लिए एलओसी जारी करने की जरूरत होती है. यह केवल जांच अधिकारी या एजेंसी द्वारा लिखित अनुरोध के माध्यम से किया जा सकता है, जिसके लिए एमएचए द्वारा अधिसूचित अधिकारी से निवेदन करना होता है.
जैसे कि केंद्र में उप सचिव या उससे ऊपर की रैंक, राज्य स्तर पर संयुक्त सचिव या उससे ऊपर की रैंक और कानून प्रवर्तन और खुफिया एजेंसियों में अन्य समकक्ष रैंक के अधिकारी. यह ध्यान रखना आवश्यक है कि एक एलओसी केवल भारतीय दंड संहिता के तहत अपराधों के खिलाफ जारी किया जा सकता है.