रांची: ऑनलाइन ज्यूडिशियल स्टांप की सुविधा अब झारखंड में भी शुरू हो गयी है. नन ज्यूडिशियल स्टांप भी पहले से ही ऑनलाइन उपलब्ध था. यह व्यवस्था वकीलों और मुवक्किलों को राहत देने वाली होगी. ज्यूडिशियल स्टांप उपलब्ध नहीं रहने पर वकीलों और मुवक्किलों को काफी परेशानियों का सामाना करना पड़ता था.
स्टांप नहीं रहने से याचिका दायर नहीं हो पाती थी. इसका नतीजा यह होता था कि कम कीमत वाले स्टांप के बदले ऊंची दर के स्टांप पेपर लगाने पड़ते थे. लॉकडाउन में ऑनलाइन याचिका दायर करते समय वकीलों को बिना कोर्ट फीस के केस फाइल करने की अनुमति दी गयी थी, लेकिन शर्त रखी गयी थी कि स्थिति सामान्य होने के बाद कोर्ट फीस निर्धारित कार्यालय में जाकर याचिका के साथ लगाना होगा.
स्टांप फीस जमा करने का तरीका
ऑनलाइन कोर्ट फीस के लिए सबसे पहले इंडिया ई कोर्ट फीस सिस्टम पर लॉग इन करना होगा. इसके बाद अधिवक्ता या उनके क्लर्क को जो ब्योरा मांगा गया है, उसे भरना होगा. इसके बाद एक पासवर्ड जेनेरेट होकर संबंधित लोगों को मिलेगा. इसके बाद वह लॉग-इन कर ऑनलाइन कोर्ट फी का स्टांप खरीद सकते हैं. स्टांप का भुगतान करने के बाद एक रसीद मिलेगी. इस रसीद को डाउनलोड कर याचिका के साथ संलग्न करना होगा.
ट्रेजरी से होती है सप्लाई
स्टांप वेंडर को ट्रेजरी से स्टांप उपलब्ध होती है. इसके लिए वेंडर को ट्रेजरी में स्टांप के मूल्य का चालान जमा करना पड़ता है. लेकिन, वेंडर को चालान जमा करने के दूसरे दिन ही स्टांप मिल पाता है. इसके चलते हाईकोर्ट में हमेशा स्टांप की कमी रहती है. कोर्ट में एक रुपये से लेकर एक हजार रुपये तक के स्टांप बेचे जाते हैं. इसका आवश्यकता के अनुसार उपयोग किया जाता है.
इन राज्यों में पहले से है यह सुविधा
देश के कुछ राज्यों में यह व्यवस्था पहले से पहले से ही लागू है. अब झारखंड में भी इसे लागू कर दिया गया है. अब तक यह व्यवस्था दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़ में लागू थी.
कैबिनेट से मिली मंजूरी
झारखंड सरकार ने 17 जून को कैबिनेट की बैठक में कोर्ट फीस के इ-स्टांपिंग को मंजूरी दी थी. इसके लिए स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड” को वित्त नियमावली के नियम 245 के अधीन नियम 235 को शिथिल कर अधिकृत किया गया था. कैबिनेट की मंजूरी के बाद झारखंड में कोर्ट फी इ-स्टांप के रूप में जमा करने की प्रक्रिया शुरु हो गयी है.