आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी की जमीनों के विवाद पर गृह मंत्रालय ने संज्ञान लिया है. इसके कारण आजम खान की मुश्किल हर दिन बढ़ती नजर आ रही है. वे चारों तरफ से घिरे हुए नजर आ रहे हैं. अब चाहे वह सत्ता पक्ष के लोग हों या विपक्ष के लोग, दोनों ही उनके विरोध में खड़े हैं. समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. रामपुर में मौलाना मोहम्मद जौहर अली यूनिवर्सिटी को लेकर उपजिलाधिकारी ने बड़ा आदेश दिया है. उपजिलाधिकारी ने यूनिवर्सिटी के अंदर जा रहे सार्वजनिक मार्ग से अनाधिकृत कब्जा हटाने को कहा है.
इसके अलावा आजम खान को क्षतिपूर्ति के रूप में 3 करोड़ 27 लाख 60 हजार व कब्जा मुक्त होने तक 9,10,000 प्रति माह की दर से 15 दिन के अंदर वादी लोक निर्माण विभाग को देने का आदेश दिया है.
सरकार में रहते हुए आजम खान ने जो भी नियम विरूद्ध काम किए थे लोग उन सबकी शिकायतें अब कर रहे हैं. पहले मंत्री रहे नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां ने शत्रु संपत्ति की शिकायत गृह मंत्रालय से की थी.
उनका आरोप था कि पूर्व मंत्री आजम खां ने शत्रु संपत्ति को अपनी जौहर यूनिवर्सिटी में शामिल करके उस पर अवैध कब्जा कर लिया है. साथ ही उस पर अपनी यूनिवर्सिटी भी चला रहे हैं. इसी की शिकायत नावेद मियां ने गृह मंत्रालय से की जिसका जवाब उनको मिला और गृह मंत्रालय ने पत्र भेज कर आश्वासन दिया कहा जल्द ही समुचित कार्रवाई की जाएगी.
रामपुर में नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां (पूर्व राज्य मंत्री और स्वतंत्र प्रभार अल्पसंख्यक कल्याण विभाग उत्तर प्रदेश शासन) ने गृह मंत्रालय से शिकायत की थी. उनकी शिकायत थी कि आजम खान ने 13.8420 हेक्टेयर कस्टोडियम भूमि अपनी यूनिवर्सिटी में शामिल करके अवैध रूप से कब्जा कर लिया है.
रामपुर के एसडीएम कोर्ट ने भी आजम खान पर शिकंजा कसते हुसे कहा है कि जौहर यूनिवर्सिटी के रास्त में अवैध निर्माण और अतिक्रमण फौरन हटाया जाए. आदेश में कोर्ट ने कहा है कि आजम खान 3,27,60000 रुपए की भरपाई करें और जब तक कब्जा पूरी तरह से हट नहीं जाता तब तक आजम खान को हर महीने 91 लाख रुपए देने होंगे.