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प्रदेश कमेटी में गुपचुप कुछ और नेताओं को एडजस्ट करने की चल रही है तैयारी
रांची: बीजेपी प्रदेश कमेटी की घोषणा के बाद से बाबूलाल मरांडी के समर्थक हतप्रभ हैं. उन्होंने तिकड़ी के खिलाफ आवाज उठाना और दबाव बनाना आरंभ कर दिया है.
उनके स्वर खुलकर सामने आने लगे हैं कि कहीं बाबूलाल को पुनः दरकिनार करने की साजिश तो नहीं. लेकिन सबसे ज्यादा विमूढ़ता की स्थिति तो अर्जुन मुंडा की है, जो केंद्रीय कैबिनेट मंत्री तो जरूर हैं लेकिन संगठन में बेबस दिखते हैं. उनके समर्थकों को चुन-चुन कर ठिकाने लगा दिया गया.
झाविमो के भाजपा में विलय के बाद बाबूलाल मरांडी विधायक दल के नेता तो बन गए हैं, लेकिन उन्हें विधानसभा अध्यक्ष ने अभी तक मान्यता प्रदान नहीं कि है.
उधर, प्रदेश कमेटी में उनके समर्थकों को पर्याप्त व अपेक्षित स्थान नहीं मिल पाने के कारण मामला गर्म हो गया है. एक तरफ बाबूलाल को छोड़कर आए योगेंद्र प्रताप सिंह को जगह मिल गई. वहीं बाबूलाल के साथ अंतिम दम तक संघर्ष करने वाले वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार कर दिया गया है.
उधर झामुमो से आए कुणाल षाड़ंगी को प्रवक्ता बना दिया गया, लेकिन कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रह चुके सुखदेव भगत कहीं नजर नहीं आ रहे.
राजद के प्रवक्ता रहे तथा विगत चुनाव में सक्रिय कार्य कर चुके डॉ. मनोज तथा कांग्रेस से आए एक और सक्रिय नेता अजय राय भी किनारे हैं, जबकि वह चुनाव में उन्हें जमशेदपुर में मीडिया की कमान संभालने भेजा गया था.
बाबूलाल के साथ आए मात्र तीन नेताओं को कमेटी में जगह मिली है और महामंत्री के दावेदार अभय सिंह को मात्र एक जिले का प्रभारी बना दिया गया है. शोभा यादव, संतोष कुमार, रमेश राही जैसे नेता आक्रोश में हैं.
सूत्रों के अनुसार, बाबूलाल समर्थक नेता-कार्यकर्ता प्रतिदिन बाबूलाल के पास पहुंच रहे हैं और अपनी पीड़ा बता रहे हैं. सूत्र बताते हैं कि प्रदेश अध्यक्ष के चयन में भी बाबुलाल की सलाह नहीं ली गई थी, जिसपर उन्होंने क्षोभ जताया था.
बाबूलाल के समर्थकों ने यह चर्चा करना शुरू कर दिया है कि भाजपा ने उन्हें फिर छलना शुरू कर दिया है. वे लोग तर्क दे रहे हैं कि विधानसभा में विधायक दल के नेता के रूप में बाबूलाल मरांडी को मान्यता दिलवाने के लिए भाजपा को जितना दबाव बनाना चाहिए, वह नजर नहीं आ रहा.
जमशेदपुर से भी अभय सिंह के समर्थकों का एक बड़ा जत्था रांची पहुंचा और बाबूलाल से मुलाकात कर दबाव बढ़ाने के लिए अनुरोध किया.
बताया जाता है कि जमशेदपुर से आए कुछ नेताओं ने प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश से भी मुलाकात कर झाविमो के पुराने दिनों की याद दिलाई और न्याय करने का आग्रह किया.
इधर, प्रदेश भाजपा कार्यालय में चर्चा है कि प्रदेश कमेटी में गुपचुप कुछ और नेताओं को एडजस्ट करने की तैयारी चल रही है. हालांकि अर्जुन मुंडा से जुड़े रहे शैलेंद्र सिंह, बालमुकुंद सहाय, सत्यनारायण सिंह, अमरप्रीत सिंह काले के अलावा राकेश प्रसाद, कमाल खान, सांवरमल अग्रवाल आदि नेता खुलकर अपनी बात कहने से बच रहे हैं.