शशिभूषण दूबे कंचनीय,
लखनऊ: मंडलायुक्त रणवीर प्रसाद ने निर्देश दिए हैं कि कोविड-19 के उन मरीज़ों को जिनका गंभीर अवस्था में आईसीयू में इलाज किया जा रहा हो, उन्हें मोबाइल फोन प्रयोग करने की छूट ना दी जाए. उन्होंने कहा कि ये भी सुनिश्चित किया जाए कि कम से कम 24 घंटे में कोरोना की जांच रिपोर्ट अवश्य प्राप्त हो जाए. साथ ही उन्होंने जिला प्रशासन तथा पुलिस प्रशासन के अधिकारियों और कर्मचारियों की कोरोना जांच के लिए कैम्प आयोजित करने के भी निर्देश दिए.
मंडलायुक्त आज अपने कार्यालय सभागार में कोविड-19 की रोकथाम की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे. बैठक में डीआईजी बरेली रेंज राजेश कुमार पांडेय, जिलाधिकारी नितीश कुमार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पांडेय, नगर आयुक्त अभिषेक आनंद, मुख्य विकास अधिकारी चंद्र मोहन गर्ग, आईवीआरआई कोरोना जांच लैब के प्रमुख डॉ. वीके गुप्ता, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विनीत शुक्ला, जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. रंजन गौतम सहित अन्य अधिकारी शामिल हुए. प्रसाद ने कहा कि आईसीयू में मोबाइल का प्रयोग बेहद घातक है. उन्होंने कहा कि कोविड मरीज के ऑक्सीजन स्तर को बनाए रखने के लिए विशेष प्रयास किए जाएं.
आईसीयू में मानक अनुसार इलाज की सुविधाओं को सुनिश्चित करने के निर्देश के साथ ही उन्होंने कहा कि अनुशासन भी हर हाल में बनाए रखा जाए. उन्होंने यह भी कहा कि दिन हो या रात सैम्पलिंग के लिए एम्बुलेंस को तैयार रखा जाए और किसी भी सूचना का संज्ञान अवश्य लिया जाए.
मंडलायुक्त ने कहा कि कोरोना की जांच के लिए पीलीभीत रोड स्थित स्पाइनल कार्ड इंजरी केन्द्र को अस्थायी रूप से सैम्पल कलेक्शन सेंटर बना दिया जाए. साथ ही उन्होंने आईवीआरआई के डॉ. गुप्ता से कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सैम्पल कलेक्ट्रेट करने के 24 घंटे के भीतर जांच रिपोर्ट अवश्य आ जाए. इसके लिए यदि आवश्यक्ता पड़े तो लैब में दो शिफ्टो में कार्य कराया जाए. उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट समय पर आए और रिपीट जांच की संभावना को समाप्त करने के प्रयास किए जाएं.
बैठक में डीआईजी रेंज बरेली राजेश कुमार पांडेय ने कहा कि जिन बाजारों में अधिक भीड़ भाड़ रहती है और जिन दुकानदारों के यहां अधिक भीड़ रहती है उनके टेस्ट प्राथमिकता के आधार पर ही कराए जाएं. साथ ही हाथ ठेला और खोमचे वाले या वे सब लोग जो अधिक लोगों के सम्पर्क में आते हैं. उनकी पूल सैम्पलिंग कराई जाए. उन्होंने कहा कि सोमवार और मंगलवार को पुलिस लाइन में कैम्प लगाकर बुखार खांसी से पीड़ित पुलिस कर्मियों की कोरोना जांच कराना शुरु की जाए. मंडलायुक्त ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से कहा कि बिना मॉस्क पहने लोगों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जाए नियमित रूप से मॉस्क के प्रयोग और बाजारों में सोशल डिस्टेसिंग के अनुपालन की नियमित समीक्षा की जाए.
जिलाधिकारी नितीश कुमार ने कहा कि पूल सैम्पलिंग के लिए और अधिक ग्रुप्स बनाए जाएं और स्वास्थ्य विभाग जागरूकता अभियान चलाए ताकि लोग स्वेच्छा से कोरोना की जांच के लिए सामने आने से घबराएं नहीं. इस सम्बंध मे नगर आयुक्त को मंडलायुक्त ने निर्देश दिए कि कोरोना को लेकर प्रचार अभियान चलाएं और लोगों को जागरूक करने के लिए विभिन्न प्रचार माध्यमों का प्रयोग करें.