नई दिल्ली: चीन के साथ एक अन्य समझौते में इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान सरकार ने शी जिनपिंग शासन की महत्वाकांक्षी CPEC परियोजना के तहत पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में एक चीनी कंपनी के साथ एक जलविद्युत परियोजना के लिए 1.5 बिलियन डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए.
‘आजाद पट्टान जलविद्युत परियोजना’ के लिए चीन के ज़ुझाउबा के साथ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. यह परियोजना झेलम नदी पर पीओके के सदनोटी जिले में स्थित है और 2026 में पूरा होने की उम्मीद है. पाकिस्तान सरकार द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में कहा, ‘चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) का एक हिस्सा हैं. USD 1.5 बिलियन के निवेश के साथ 700.7 MW आज़ाद पट्टान में कोई ईंधन आयात शामिल नहीं होगा. इस प्रकार देश को स्थानीय नौकरी के अवसर पैदा करते हुए सस्ती बिजली की ओर बढ़ने में सक्षम बनाता है.’
पाकिस्तान में चीनी निवेश ने देश को चीन के कर्ज बोझ के नीचे डाल दिया है. इमरान खान ने कहा कि परियोजना एक निवेश थी और देश पर बोझ नहीं होगी. हमने चीन के विकास से बहुत कुछ सीखा है और CPEC परियोजना पाकिस्तान को बहुत ऊपर ले जाएगी.’ CPEC जो चीन के शिनजियांग प्रांत के साथ बलूचिस्तान में ग्वादर पोर्ट को जोड़ता है. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) की प्रमुख परियोजना है.
पीओके पर भारत का रुख
भारत ने CPEC को लेकर चीन का विरोध किया है, क्योंकि इसे PoK में किया जा रहा है. इस वर्ष के प्रारंभ में विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान को बताया गया कि गिलगित और बाल्टिस्तान के क्षेत्रों सहित पूरे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न अंग हैं और इस्लामाबाद को अपने अवैध कब्जे के तहत क्षेत्रों को तुरंत खाली करना चाहिए.
पाकिस्तान ने अवैध रूप से पीओके पर 1947 में हुए हमले के बाद कब्जा कर लिया था. पिछले साल अनुच्छेद 370 को रद्द करने के प्रस्ताव को आगे बढ़ाते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पाकिस्तान का (पीओके) और अक्साई चिन भारत का हिस्सा हैं और हम इसके लिए अपना जीवन देने के लिए तैयार हैं. इसके बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत का जल्द ही इस क्षेत्र पर अधिकार होगा. इसके अलावा सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाना ने कहा कि अगर केंद्र आदेश देता है तो भारतीय सेना पीओके को फिर से हासिल करने के लिए तैयार है.
पाक विदेश मंत्री ने फिर उठाया कश्मीर मुद्दा
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ टेलीफोन पर बातचीत की. इसके अलावा इमरान खान ने शीर्ष सुरक्षाकर्मियों के साथ एक आपात बैठक बुलाई और आंतरिक व बाहरी सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की. इसके साथ ही उन्होंने संकल्प किया कि देश की संप्रभुता की हर कीमत पर रक्षा की जाएगी. वांग के साथ टेलीफोनिक बातचीत के दौरान कुरैशी ने कहा कि भारतीय उकसावे से यहां की स्थिति बिगड़ रही है, हालांकि पाकिस्तान संयम बरत रहा है. उन्होंने भारत पर नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास संघर्ष विराम उल्लंघन का भी आरोप लगाया. इसके अलावा भारत के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप करते हुए कुरैशी ने वांग यी के साथ अपनी चर्चा में जम्मू-कश्मीर के नए कानूनों का भी मुद्दा उठाया.