रांची विश्वविद्यालय की बीएड द्वितीय वर्ष की परीक्षा में बड़ी भूल का सामना बच्चों को करना पड़ा।
वैसे तो प्रश्नपत्र का स्लेबस से बाहर होने का हंगामा आम है, लेकिन इस बार ये मामला संगीन है।
सत्र 2017- 19 के कोर्स- 10 (Creating an Inclusive School)की परीक्षा में कुल 6 में से 3 प्रश्न कोर्स 9 के पूछे गए। विद्यार्थियों को इससे परेशानी का सामना करना पड़ा। डेढ़ घंटे की परीक्षा में अंत के आधे घंटे में विश्वविधालय द्वारा 4 नए प्रश्न भेजे गए जिसमें से एक प्रश्न फिर से कोर्स 3(प्रथम वर्ष) से था।
ऐसी लापरवाही से विद्यार्थियों में खलबली मच गई और जवाब लिखने में भी परेशानी हुई।
हालांकि विद्यार्थियों को जवाब लिखने के लिए अतिरिक्त समय दिया गया। विश्वविद्यालय ऐसी लापरवाही करना कब बंद करेगा यह कहना मुश्किल है।
किसी अन्य विषय की परीक्षा में अन्य विषय के प्रश्न आ जाना कोई नई बात नहीं थी परंतु इस बार कुछ अधिक ही परेशानी हो गई।
विश्वविद्यालय द्वारा 4 नए प्रश्न देना ये अपने आप में साबित करता है कि वाकई में प्रश्न सलेबस के बाहर से थे।
अब देखना है कि रांची विश्वविद्यालय इसमें क्या कदम उठाता है। क्या इस परीक्षा को रद्द कर पुनः परीक्षा ली जाएगी या विद्यार्थियों को औसत नंबर दिया जाएगा।
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