कानपुर: सोमवार को विकास दुबे के अभिलेखों से मिले नौकर-नौकरानी के कई फर्जी पहचानपत्र मिले आपको बता दें की कानपुर के बिकरू में दहशतगर्द विकास दुबे के खूनी खेल में उसके किले का हर एक ‘प्यादा’ शामिल था. प्रशासन और लोगों के साथ धोखाधड़ी करने के लिए उसने घर के नौकर-नौकरानी से लेकर गुर्गों तक के कई फर्जी पहचान पत्र भी बनवा रखे थे. जमीनों के बैनामों से लेकर वाहनों की खरीद फरोख्त और वारंटियों तक में फर्जी पहचानपत्रों का खेल किया जाता था.
इस बात का खुुलासा सोमवार को विकास के अभिलेखों से मिले नौकर-नौकरानी के कई फर्जी पहचानपत्रों से हुआ। सूत्रों के अनुसार विकास ने अपने गुर्गों, रिश्तेदारों और नौकर-नौकरानी के नाम से कई चल और अचल संपत्ति बना रखी हैं. वहीं, जिन मामलों में उसे फयदा उठाने के बाद पैसे देने से बचना होता था, उनमें इन्हीं प्यादों के फर्जी पहचानपत्रों का इस्तेमाल करता था.
इन पहचानपत्रों में फोटो किसी की और नाम, पता किसी और का है. खाली राशन कार्डों का मिलना भी इसी तरह की धोखाधड़ी करने की ओर इशारा करता है. सोमवार को विकास के ढहे किले की तफ्तीश के दौरान पुलिस को बिखरे हुए सामान के बीच कुछ पहचानपत्र पड़े मिले. पुलिस ने जांच पड़ताल की तो पता चला कि नौकर दयाशंकर की फोटो लगे हुए दूसरे पहचान पत्र में उसका नाम कल्लू अंकित है. इसी तरह उसकी पत्नी रेखा के भी दो पहचानपत्र हाथ लगे, जिसमें एक में पति का नाम दयाशंकर तो दूसरे में कल्लू ही अंकित है. पुलिस अब इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर वाहनों का फाइनेंस करने वाली कंपनियों और बैंकों से भी संपर्क कर साक्ष्य जुटाएगी.
पुलिस को दीवार में धंसा मिला कारतूस
गुरुवार की रात बदमाशों ने इस कदर गोलियां बरर्साईं कि घटना के चार दिनों बाद भी पुलिस को दीवारों में धंसे कारतूस मिल रहे हैं. जांच पड़ताल के दौरान पुलिस को विकास के मामा प्रेमप्रकाश के घर के बाहर दीवार पर एक कारतूस धंसा मिला. पास स्थित हैंडपंप के मोटा पाइप तक छलनी हो गया. आसपास लगे पेड़ों की टहनियों और घरों की दीवारों तक में गोलियों के निशान आज भी उस रात की दास्तां बयां कर रहे हैं.
मंदिर से लापता हुआ पुजारी
बिकरू से करीब 3 किमी दूर स्थित मातृशिला मंदिर में विकास के गुर्गो का एनकाउंटर होने के बाद सोमवार को मंदिर में सन्नाटा पसरा नजर आया. मंदिर का पुजारी भी अपनी कुटिया में ताला डाल कर कहीं लापता हो गया. ग्रामीणों ने बताया यह क्षेत्र के कुल देवता का मंदिर होने के कारण यहां अक्सर श्रद्घालुओं की भीड़ देखने को मिलती थी, लेकिन घटना के बाद से सन्नाटा पसरा है.
विकास के गिराए गए घर से मिले पहचानपत्रों, बिना नाम, पते के बरामद राशन कार्डों के संबंध में जांच की जा रही है. प्रथमदृष्टया इन फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल धोखाधड़ी और जालसाजी के लिए किया जाना प्रतीत होता है. साक्ष्य जुटाने के लिए बैंकों और फाइनेंस कंपनियों से भी संपर्क किया जाएगा.