केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि अतिरिक्त केंद्रीय बलों की तैनाती से कश्मीर में आतंकी नेटवर्क को ध्वस्त करने का अभियान मजबूत होगा। साथ ही, राज्य में कानून-व्यवस्था को चाक-चौबंद बनाए रखने में मदद मिलेगी। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के कश्मीर दौरे से लौटते ही वहां 10 हजार अतिरिक्त सुरक्षा बल भेजने के फैसला हुआ और कुछ जवान वहां पहुंचाए भी जा चुके हैं।
राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती केंद्र के इस फैसले का विरोध कर रही हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि केंद्र के फैसले ने घाटी में भय का वातावरण पैदा कर दिया है। उन्होंने लिखा, ‘घाटी में अतिरिक्त 10 हजार जवान तैनात करने का केंद्र का फैसला लोगों के मन में भय पैदा कर रहा है। कश्मीर में सुरक्षा बलों की कोई कमी नहीं है। जम्मू-कश्मीर की समस्या राजनीतिक है जिसे सैन्य संसाधनों से नहीं सुलझाया जा सकता है। भारत सरकार को दोबारा सोचने और अपनी नीति बदलने की जरूरत है।’
सूत्रों के मुताबिक, देश के विभिन्न हिस्सों में तैनात केंद्रीय सुरक्षा बलों को एयरलिफ्ट कर सीधे कश्मीर पहुंचाया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने बताया कि कश्मीर में सुरक्षा बलों की 100 और कंपनियां तैनात की जा रही हैं। हर कंपनी में 100 जवान होंगे। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 25 जुलाई को केंद्रीय सशस्त्र बलों की अतिरिक्त 100 कंपनियों की तैनाती का ऑर्डर जारी किया था। इन केंद्रीय बलों में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) शामिल हैं।
सूत्र बताते हैं कि एनएसए डोभाल चुपके से घाटी के दौरे पर बुधवार को श्रीनगर पहुंचे थे। वहां उन्होंने सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के टॉप ऑफिसरों के साथ अलग-अलग बैठकें की थीं। इनमें राज्यपाल के सलाहकार के. विजय कुमार, मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यन, डीजीपी दिलबाग सिंह, आईजी एसपी पाणि जैसे लोग शामिल थे। कश्मीर दौरे पर दिल्ली से आईबी के आला अधिकारियों की टीम भी एनएसए के साथ थी।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में अभी राज्यपाल शासन है। इससे पहले 24 फरवरी को देशभर से केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 100 कंपनियों को कश्मीर भेजा गया था। तब कहा गया था कि लोकसभा चुनाव के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए सुरक्षा बलों का अतिरिक्त इंतजाम जरूरी है। बहरहाल, अभी अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के करीब 40 हजार अतिरिक्त जवान तैनात किए गए हैं।