देश छोड़कर भाग चुके शराब कारोबारी विजय माल्या ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि उनकी और उनके परिजनों की मालिकाना संपत्तियों को जब्त न किया जाए. माल्या ने अपनी याचिका में कहा कि कथित अनियमितताओं के मामलों का सामना कर रहे किंगफिशर एयरलाइंस की संपत्तियों के अलावा बाकी संपत्तियां कुर्क नहीं होनी चाहिए.
ब्रिटेन में प्रत्यर्पण के मामले में कोर्ट के चक्कर काट रहे विजय माल्या ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. माल्या ने गुहाई लगाई कि उसकी तमाम संपत्तियों को कुर्क करने की प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए. माल्या ने याचिका में कहा कि सिर्फ किंगफिशर कंपनी से संबंधित संपत्ति ही कुर्क की जाए. उसकी निजी और पारिवारिक संपत्ति को कुर्क न किया जाए. इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट 29 जुलाई को करेगा.
इससे पहले भारतीय बैंकों का 9 हजार करोड़ रुपये लेकर फरार हुए शराब कारोबारी विजय माल्या को 11 जुलाई को झटका लगा था. बॉम्बे हाई कोर्ट ने इससे पहले विजय माल्या की इसी याचिका को खारिज कर दिया था. इस याचिका के जरिए माल्या ने सरकारी एजेंसियों द्वारा उसकी संपत्ति को जब्त करने की प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की थी.
विजय माल्या ब्रिटेन में प्रत्यर्पण की कार्यवाही का सामना कर रहे हैं. 63 साल के विजय माल्या ने भारतीय बैंकों से 9,000 करोड़ रुपए का लोन लिया था और उसे नहीं चुका पाने के कारण 2 मार्च, 2016 को देश छोड़ दिया था. उन्होंने बार-बार देश से भागने से इनकार करते हुए कहा कि वह भारतीय बैंकों को दिए गए पैसे वापस करने के लिए तैयार हैं. भारत ने 2017 में माल्या के प्रत्यर्पण की मांग की थी. वह अभी जमानत पर बाहर हैं.
बंबई हाई कोर्ट ने 11 जुलाई को माल्या की संपत्तियां कुर्क करने को लेकर विशेष अदालत में जारी कार्यवाही पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था. अदालत की खंडपीठ ने पिछले महीने माल्या द्वारा दायर आवेदन खारिज कर दिया था, जिसमें धन शोधन रोकथाम कानून से जुड़े मामलों की सुनवाई कर रही विशेष अदालत के सामने लंबित कार्यवाही पर रोक का अनुरोध किया गया था.
इस साल पांच जनवरी को, विशेष अदालत ने माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया था. इसके बाद अदालत ने उनकी संपत्तियां कुर्क करने के लिए कार्यवाही शुरू की थी.
माल्या भारत में कथित तौर पर 9000 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में वांछित है. माल्या को जमानत मिली हुई है और वह पिछले साल ब्रिटेन की अदालत के उसे प्रत्यर्पित करने के फैसले के खिलाफ मामला लड़ रहा है.