नई दिल्ली: आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो संबोधन के जरिए लोगों को संबोधित कर रहे हैं. मौका है विश्व युवा कौशल दिवस. विश्व युवा कौशल दिवस के मौके पर आज कौशल इंडिया मिशन की स्थापना के पांच साल भी पूरे हो रहे हैं.
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि कोरोना के इस संकट ने वर्ल्ड कल्चर के साथ ही नेचर ऑफ जॉब को भी बदलकर रख दिया है. लेकिन हमारे युवा हर दिन बदलते वक्त के साथ नए कौशल को सीख रहे हैं.
पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि लोग मुझसे पूछते हैं कि आज के दौर में व्यापार और बाजार इतनी तेजी से बदलते हैं कि समझ नहीं आता है कि प्रभावी कैसे रहा जाए. मैं इसका एक ही जवाब देता हूं
प्रभावी रहने का मंत्र है, स्किल, रि-स्किल और अपस्किल.
कुछ नया सीखने की ललक नहीं है तो जीवन ठहर जाता है
पीएम मोदी ने कहा कि कौशल की ताकत इंसान को कहां से कहां पहुंचा सकती है. साथियों, एक सफल व्यक्ति की बहुत बड़ी निशानी होती है कि वो अपने कौशल बढ़ाने का कोई भी मौका जाने ना दे.
उन्होंने कहा कौशल के प्रति अगर आप में आकर्षण नहीं है, कुछ नया सीखने की ललक नहीं है तो जीवन ठहर जाता है. एक रुकावट सी महसूस होती है. एक प्रकार से वो व्यक्ति अपने व्यक्तित्व को ही बोझ बना लेता है.
कौशल आपको दूसरों से अलग बनाता है
प्रधानमंत्री ने कहा कि कौशल एक ऐसी चीज है जिसे हम खुद को उपहार देते हैं, जो अनुभव के साथ बढ़ता है. कौशल कालातीत है, यह समय के साथ बेहतर होता रहता है. कौशल अद्वितीय है, यह आपको दूसरों से अलग बनाता है.
आज ज्ञान और कौशल के बीच अंतर समझते हुए काम हो रहा है
प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ लोग हमेशा ज्ञान और कौशल के बीच भ्रम पैदा करते हैं. मैं उनसे कहता हूं कि आप किताबों में पढ़ सकते हैं और इंटरनेट पर देख सकते हैं कि कैसे साइकिल चलाना है, यह ज्ञान है लेकिन यह गारंटी नहीं देता कि आप साइकिल की सवारी कर पाएंगे. वास्तव में एक साइकिल की सवारी करने के लिए, आपको कौशल की आवश्यकता होती है.
उन्होंने कहा कि आज भारत में ज्ञान और कौशल, दोनों में जो अंतर है, उसे समझते हुए ही काम हो रहा है. आज से 5 साल पहले, आज के ही दिन स्किल इंडिया मिशन इसी सोच के साथ शुरू किया गया था.