हज़ारीबाग़: अक्सर बड़ी योजनाएं धरातल पर उतरते-उतरते असफल हो जाती है. लेकिन उसी काम को अगर अलग तरीके से किया जाए तो काम भी आसान हो जाता है और सफलता शत प्रतिशत मिलती है.
ऐसा ही असंभव सा लगने वाला काम को संभव बना दिया है हज़ारीबाग़ के डीडीसी विजया जाधव ने.
नाबार्ड जलछाजन परियोजना के अंतर्गत बारिश के पानी को बचाने का यह प्रयाश बहुत ही सराहनीय है.
हज़ारीबाग़ के इचाक प्रखंड में पिछले दो वर्षों में करीब 447.32 करोड़ लीटर पानी का संचय किया गया है, हालांकि यह आंकड़ा 30 दिन पहले का है, वर्तमान में यह आंकड़ा 500 के करीब हो सकता है.
इस जानकारी को भारत सरकार के जलशक्ति मंत्रालय ने अपने ऑफिसियल ट्विटर पर साझा किया है.
नाबार्ड ने 32 गांव में करीब 52 तालाब व 440 हेक्टेयर में बने टीसीबी के कारण बारिश के पानी को बचाने में सफलता मिली.
डीडीसी विजया जाधव ने बी एन एन भारत से बात करते हुए कहा की इस परियोजना को धरातल पर उतारने का श्रेय प्रखंड के किसानों को जाता है जिन्होंने हमें पूरा सहयोग किया, अपने निजी जमीनों पर भी उन्होंने तालाब निर्माण करवाया जिसका लाभ किसानों को मिल रहा है.
जल संचय से आसपास की बंजर भूमि उपजाऊ बनी और सिचाई की समुचित वेवस्था हो पाई है.
आगे उन्होंने कहा की प्रखंड में निर्मित 52 तालाबों में मछली पालन किया जा रहा है, किसान लॉक डाउन में भी भारी मात्रा में धान, गेहूं,धनिया आदि की फसल लगा कर आमदनी बढ़ा रहें हैं.