बोकारो: उप विकास आयुक्त रवि रंजन मिश्रा की अध्यक्षता में चास प्रखंड कार्यालय के सभागार में मनरेगा योजना अंतर्गत बिरसा हरित ग्राम योजना एवं स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण की समीक्षा बैठक सभी प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियो की उपस्थिति में किया गया.
उप विकास आयुक्त रविरंजन मिश्रा ने प्रखंड विकास पदाधिकारी चास एवं प्रखंड के सभी रोजगार सेवको से कहा कि बागवानी योजना में सोख पिट बनाने का काम अगले तीन दिनों में पूरा करने का निदेश दिया, ताकि दिनांक 22 जुलाई, 2020 से पौधा रोपण का कार्य प्रारंभ किया जा सके.
उप विकास आयुक्त रविरंजन मिश्रा ने कहा कि आगामी 22 जुलाई, 2020 से जिले में बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत फलदार पौधे की रोपाई शुरू किया जाना है, जिसकी आवश्यक तैयारी पूर्ण कर लिया जाय. उन्होंने
उन्होंने कहा कि बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत टीसीबी स्कीम पर ज्यादा कार्य करने को कहा ताकि पौधरोपण की सुरक्षा किया जा सके. उन्होंने कार्यो को तेजी लाने का निदेश प्रखंड के सभी अधिकारियों व रोजगार सेवकों को दिया. साथ ही साथ प्रखंड विकास पदाधिकारी चास को कहा कि जो रोजगार सेवक अपने दायित्व का निर्वहन ठीक से नही करते है तो उन्हें स्पष्टीकरण करने को कहा.
उप विकास आयुक्त रवि रंजन मिश्रा ने 15वें वित्त आयोग की योजनाओं को विस्तार से जानकारी दिया. उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत लोगों को ज्यादा से ज्यादा लाभ लेने का निदेश दिया.
उन्होंने प्रखंड स्तरीय सभी पदाधिकारियो को निदेश दिया कि 15वे वित्त आयोग की योजनाओं को विस्तार से बताया कि ओडीएफ प्लस की जानकारी, कम्युनिटी सेनेटरी कंपलेक्स निर्माण की जानकारी, सोक पिट निर्माण की जानकारी, वर्षा जल संचय से संबंधित कार्य करने, सभी 2 स्कूलों में हैंडवॉश यूनिट लगाने का निर्देश, ठोस एवं कचरा प्रबंधन के निस्तारण कैसे करें की जानकारी एवं नलोब प्रोग्रेस पर चर्चा किया गया.
कोरोना महामारी संकट काल के कारण तंगहाली की जिंदगी जीने को विवश बोकारो जिले के ग्रामीण श्रमिकों के लिए महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना वरदान साबित हो रहा है.
इस योजना के तहत ग्रामीणों को फलदार वृक्ष लगाने व देखभाल करने संबंधी रोजगार मिलेगा. इसमें बुजुर्गों और विधवाओं महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी ताकि उनके भी रोजगार उपलब्ध हो सके. इस योजना के जरिए सरकार सड़क किनारे, सरकारी भूमि, व्यक्तिगत या गैरमजरूआ भूमि पर फलदार पौधे लगाने के लिए ग्रामीणों को प्रोत्साहित करेगी.
इन पौधों की देखभाल की जिम्मेदारी ग्रामीणों की होगी. अगले 5 साल तक पौधों को सुरक्षित रखने के लिए सहयोग मिलेगा उन्हें पौधों का पट्टा दिया जाएगा जिससे फलों से आमदनी कर सकें.
पौधारोपण के करीब 3 साल बाद प्रत्येक परिवार को 50000 की वार्षिक आमदनी होगी साथ ही फलों की उत्पादकता बढ़ाने की स्थिति में फलों को प्रसंस्करण व उसके बाजार उपलब्ध कराने की व्यवस्था होगी इस योजना के तहत पूरे जिले में 1000 एकड़ भूमि में एक लाख बारह हजार पौधा लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया.
इस दौरान प्रखंड विकास पदाधिकारी चास संजय सांडिल, अंचल अधिकारी चास दिवाकर प्रसाद दृवेदी, वरीय लेखा पदाधिकारी पंकज कुमार दुबे सहित अन्य उपस्थित थे.