शशिभूषण दूबे कंचनीय,
लखनऊ(बलिया): बलिया की माटी में जन्मे स्वतंत्रता संग्राम के प्रथम सपूत शहीद मंगल पांडे की जन्म तिथि को लेकर उपजे संशय से जनपदवासी काफी मर्माहत है. ज्ञात हो कि बलिया जनपद के नगवा गांव निवासी शहीद मंगल पांडे का जन्म 30 जनवरी 1831 को नगवां गांव में हुआ था. लेकिन वर्तमान समय में गूगल पर मंगल पांडे की जयंती 19 जुलाई 1827 दर्शाई जा रही है, जिसको लेकर उनके पैतृक गांव ही नहीं बल्कि पूरे जनपद के लोगों में आक्रोश व्याप्त है.
इस संबंध में बताते हुए मंगल पांडे विचार मंच के अध्यक्ष कृष्णकान्त पाठक ने कहा कि देश के इतने बड़े स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के जीवन चरित्र के साथ खिलवाड़ करने की इजाजत गूगल को नही होनी चाहिए. इसके लिए भारत सरकार को पहल कर उनकी जयंती में सुधार करवा कर सही अंकित करवाना चाहिए. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के बेसिक शिक्षा परिषद के कक्षा 6 की पाठ्यपुस्तक महान व्यक्तित्व में मंगल पांडे जी की जयंती 30 जनवरी 1831, जन्मस्थान बलिया जनपद का नगवा गांव ही दर्शाया गया है. जिसे पूरे प्रदेश के बच्चे पढ़ रहे हैं.
ऐसी स्थिति में गूगल पर गलत सूचना लोड कर लोगों को भ्रम में डालना कहीं से उचित नहीं है. क्योंकि ब्रिटिश हुकूमत द्वारा भारतीय इतिहास से छेड़छाड़ करना उनकी फितरत रही है. जो अब गूगल ने यह सब कुछ अपना लिया है उन्होंने उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार से शहीद मंगल पांडे की जयंती को गूगल पर सही करवाने की मांग की है.