सुरुर रज़ा,
रांची: झारखंड में कोरोना के संक्रमण का ग्राफ दिन-ब-दिन बढ़ता चला जा रहा है. इसे लेकर सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी हैरान और परेशान हैं. ऐसे में यह कयास लगाया जा रहा है कि आने वाले दिनों में लॉकडाउन-1 की तरह सख्ती की जा सकती है. कल कैबिनेट की बैठक होनी है. यह संभावना जताई जा रही है कि कैबिनेट की बैठक में लॉकडाउन के आदेश दिए जा सकते हैं. क्योंकि जिस तरह से झारखंड में कोरोना वायरस बढ़ रहा है, लॉकडाउन लगाना बहुत ही जरूरी हो गया है. शहर के लोगों ने लॉकडाउन के लिए कमर कस ली है. लोगों का कहना है कि संपूर्ण झारखंड में लॉकडाउन लगना चाहिए.
क्या कहते हैं लोग
शहर के लोगों का कहना है कि लॉकडाउन लगाना बहुत ही आवश्यक है, क्योंकि शहर में लोग किसी भी गाइडलाइंस का पालन नहीं कर रहे हैं. सब्जी बाजार की बात करें तो लोग किसी भी तरह की सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते नजर नहीं दिख रहे हैं. लॉकडाउन सख्त से सख्त होना चाहिए. जिस तरह से बंगाल और बिहार में लॉकडाउन लगाया गया है, झारखंड में भी इस वक्त इसकी आवश्यकता है.
कपड़े के एक व्यापारी ने यह कहा कि हिंदुस्तान में जिस तरह से आंकड़ा बढ़ रहा है, उसे देखकर यह लगता नहीं कि कोरोनावायरस जल्दी थमेगा. अगर हम झारखंड की बात करें तो राज्य में तुरंत 14 दिनों का लॉकडाउन लगना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि व्यापार तो हम बाद में भी कर लेंगे. इस वक्त लॉकडाउन की सख्त आवश्यकता है.
ग्रामीण क्षेत्र के लोगों ने लॉकडाउन को सिरे से नकारते हुए कहा कि लॉकडाउन के बाद काफी तकलीफों का सामना करना पड़ता है. कोरोनावायरस कोई बहुत बड़ी बीमारी नहीं है. हम इससे लड़ेंगे, पर भुखमरी और लॉकडाउन से लड़ना बहुत मुश्किल है. इसलिए लॉकडाउन कि फिलहाल यहां कोई आवश्यकता नहीं.