रांची: रांची रेल मंडल के विद्युत विभाग (सामान्य) द्वारा आसानी से एक जगह से दूसरी जगह ले जा सकने वाला कम वजन का हेड ऑन जेनरेशन टेस्टिंग किट का निर्माण हटिया स्थित कोचिंग डिपो में ट्रेन लाइटिंग एसी डिपो द्वारा किया गया.
एचओजी एक उन्नत प्रणाली है, जिसके द्वारा ट्रेनों में ऐसी एवं अन्य बिजली के उपकरणों को बिजली की आपूर्ति ट्रेन में लगे इंजन द्वारा ही की जाती है. इसके लिए अलग से जनरेटर की आवश्यकता नहीं होती है. पहले ट्रेनों में ऐसी एवं अन्य बिजली के उपकरणों के लिए बिजली की आपूर्ति जनरेटर के द्वारा की जाती थी. अब इंजन के द्वारा विधुत आपूर्ति की जाती है, जिसे एच. ओ. जी तकनीक कहते है, की जाएगी. इससे वायु प्रदूषण एवं ध्वनि प्रदूषण भी कम होता है तथा वातावरण को स्वच्छ एवं शुद्ध रखने में सहायता मिलती है.
पहले एलएचबी रैक में लगे हुए पावर कार के टेस्टिंग हेतु संपूर्ण रेक को लोकोमोटिव के द्वारा वाशिंग पिट लाइन पर ले जाना आवश्यक था, लेकिन अब एच. ओ. जी. टेस्टिंग किट के निर्माण से यह कार्य बिना लोकोमोटिव के रहते हुए भी टेस्टिंग करना संभव हुआ है. एलएचबी रेक में लगे हुए पावर कार की तकनीकी जांच टेस्टिंग किट द्वारा की जा सकती है तथा रेक को वाशिंग पिट लाइन पर ले जाना आवश्यक नहीं है. टेस्टिंग के लिए इंजन की भी आवश्यकता नहीं है. वजन में हल्के एवं पोर्टेबल होने के कारण इस एच. ओ. जी. टेस्टिंग किट को आसानी से जहां रेक लगे हुए हैं वहां ले जाकर जांच की जा सकती है.
इस टेस्टिंग किट के निर्माण से लोकोमोटिव लगाकर रेक को मूवमेंट करना आवश्यक नहीं है. वाशिंग लाइन पर भी अन्य कोचों के लिए उपलब्धता रहेगी. समय बचने से पंचुअलिटी में सुधार होगा. इंजन का मूवमेंट नहीं होने के कारण मैन पावर तथा ऊर्जा की भी बचत होगी.
एचओजी टेस्टिंग किट का निर्माण वरिष्ठ मंडल विद्युत अभियंता (सामान्य) कुलदीप कुमार के मार्गदर्शन में किया गया. इस कीट के निर्माण में बी पी गुप्ता सीनियर सेक्शन इंजीनियर (ट्रेन लाइटिंग एंड एसी), सेवक कुमार सीनियर सेक्शन इंजीनियर (पावर कार), के पी चौधरी टेक्नीशियन (एसी), एस के शर्मा सीनियर टेक्नीशियन (एसी), मोहम्मद रहमत अली सीनियर टेक्नीशियन (ट्रेन लाइटिंग) तथा संजय कुमार सहायक (ऐसी) का योगदान रहा. मंडल रेल प्रबंधक नीरज अम्बष्ठ तथा अपर मंडल रेल प्रबंधक (परिचालन) एम एम पंडित ने इस उत्कृष्ट कार्य की सराहना की एवं उन्हें बधाई दी.