ग्वालियर: उद्यानिकी व खाद्य प्रसंस्करण (स्वतंत्र प्रभार) तथा नर्मदा घाटी विकास राज्य मंत्री भारत सिंह कुशवाह ने कहा कि निर्धारित मानक गुणवत्ता स्तर देने वाले बैंडर, संस्था, ठेकेदारों से ही एमपी एग्रो काम करवाएँ. राज्य मंत्री श्री कुशवाह आज भोपाल स्थित मंत्रालय में एम.पी.एग्रो के कार्यक्रमों और योजनाओं की वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा कर रहे थे. उन्होंने कहा कि एमपी एग्रो द्वारा सांसद, विधायक निधि से स्वीकृत जिन पेयजल टैंकर-ट्राली की सप्लाई की गईं हैं उनकी गुणवत्ता ठीक न होने की शिकायते मिली हैं. एमपी एग्रो के वरिष्ठ अधिकारी सप्लाई की गई टैंकर-ट्राली की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करे. निर्धारित मानक के अनुसार पाए जाने पर ही टैंकर-ट्राली बनाने वाली फर्म को भुगतान किया जाए. साथ ही निम्न गुणवत्ता पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाए.
राज्य मंत्री कुशवाह ने कहा कि कोराना से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन एमपी एग्रो के खाद विक्रय केंद्रों पर भी सुनिश्चित किया जाए. उन्होंने कहा कि ऐसे क्षेत्र जहां पर एक खाद विक्रय केंद्र है और किसान ज्यादा संख्या में खाद लेने पहुंचते है, भीड़ अधिक होने के कारण खाद वितरण में अव्यवस्था होती है. अधिकारी ऐसे क्षेत्रों को चिन्हित करें और इन चिन्हित क्षेत्रों में नए खाद विक्रय केंद्र खोले. नए खाद विक्रय केंद्र किसानों की खाद की मांग के आधार पर खोले जाएं. जहां उपकेंद्र खोलने की आवश्यकता है वहां खाद विक्रय उपकेंद्र खोलें. राज्य मंत्री कुशवाह ने कहा कि किसानों के हितों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है. एम.पी.एग्रो के अधिकारी यह बात भलीभांति समझ लें.
कुशवाह ने निर्देश दिए कि एम.पी.एग्रो द्वारा भोपाल में बनाए जा रहे तरल बायोफर्टिलाइजर के प्लांट के शेष कार्य को एक माह में पूरा करवाएं, जिससे प्लांट में तरल बायोफर्टिलाईजर का उत्पादन शुरू हो और अगले रबी सीजन में किसानों को उपलब्ध करवाया जा सके.
राज्य मंत्री कुशवाह ने एम.पी. एग्रो के बाबई कृषि फार्म के घाटे में चलने पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि कृषि फार्म के संसाधनों के प्रबन्धन में कमियों को तलाश कर उन्हें दूर करें. मंत्री कुशवाह ने संबंधित अधिकारियों को हिदायत दी कि फार्म का फील्ड विजिट कर एक ऐसी कार्य योजना तैयार करवाएं, जिससे रिसोर्सेस का बेहतर उपयोग हो और फार्म घाटे की जगह लाभ दें. यह कार्य एक सप्ताह में किया जाय.
राज्य मंत्री कुशवाह ने एम.पी. एग्रो की भोपाल, इंदौर, उज्जैन, खुरई सागर, ग्वालियर, मुरैना और छिंदवाड़ा में बैल चलित तथा हस्त चालित कृषि यंत्रों के निर्माण की कर्मशालाओं को पुनर्जीवित करने के लिए भी कहा. साथ ही आत्म निर्भर भारत में एम.पी. एग्रो द्वारा रोजगार उपलब्ध कराने वाली योजनाओं को प्राथमिकता देने के लिए कहा.
बैठक में प्रमुख सचिव उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण कल्पना श्रीवास्तव और एम.पी. एग्रो के अधिकारी मौजूद थे.