लखीसराय: बिहार सरकार सामान्य प्रशासन विभाग ने संकल्प पास कर दिशा-निर्देश जारी किया कि पच्चास वर्ष से अधिक आयु वर्ग के सरकारी कर्मचारियों की सेवा की समीक्षा कर जबरन सेवानिवृत्ति दी जाए. इस संकल्प पर कड़ी आपत्ति व्यक्त करते हुए टेट-स्टेट उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ,लखीसराय के जिला अध्यक्ष अजय कुमार , महासचिव रवि कुमार आर्य ने कहा कि सरकार का यह कदम अमानवीय है. ऐसे कदम से सरकारी सेवकों में भय का माहौल बना रहेगा तथा मूल्यांकन करने वाले अधिकारी भ्रष्टाचार को बढ़ावा देंगे.
जिला उपाध्यक्ष सुधीर कुमार और रविकान्त ने मीडिया प्रवक्ता के हवाले से बताया कि सरकार अनेक विभागों में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप का खेल खेल रही है. स्थायी नियुक्ति की जगह नियोजन, अनुबंध, संविदा ने ले रखी है. बचे खुचे सरकारी नियुक्ति को समाप्त करना मुख्य एजेंडा हैं.
जिला सचिव राजकुमार, सूरज कुमार, कुमारी ममता ने कहा कि उदारीकरण और निजीकरण का राग अलापते अलपाते इस भौतिकतावादी युग में सरकार कर्मचारियों को वृद्धावस्था में बिना पेंशन जबरिया सेवानिवृत्ति देकर मार देने पर उतारू है.
जिला कोषाध्यक्ष सुबोध कुमार और उपकोषाध्यक्ष रामविलास शर्मा, जिला कार्यकारिणी सदस्य शशिभूषण प्रसाद,चंदन कुमार, अविनाश कुमार, धनंजय कुमार, अजय कुमार, रामगढ़ चौक प्रखंड अध्यक्ष संतोष कुमार और महासचिव अभय कुमार सिंह ने कहा नियोजन, ठेका एवं नियोजित शिक्षकों के संघर्षों को मजाक उड़ाने वाले एवं सरकार के साथ देने वाले सरकारी कर्मचारियों, शिक्षकों को सबक लेना चाहिए कि सरकार निजीकरण की ओर बढ़ रही है.
ऐसे में आने वाली पीढ़ियों को कौन सा रोजगार मिलेगा. सरकार के इस असंवेदनशील, अमानवीय दमनकारी नीतियों का टेट-एसटेट उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ पुरजोर विरोध करता है तथा सभी सरकारी कर्मचारियों से आह्वान करता है कि रोजगार विरोधी, नौजवानों विरोधी हुकूमत को उखाड़ फेंकने के लिए होने वाले इस संघर्ष में हम सभी के साथ अग्रिम पंक्ति में खड़े हैं और रहेंगे.