गुना: कलेक्टर द्वारा 7 दिवस में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने विशेष जांच अधिकारी नियुक्त सिविल सर्जन ने अपनी जांच रिपोर्ट में बताया कि मरीज न तो अस्पताल के भीतर आया, ना ही कोई पर्चा बनवाया, ना ही किसी चिकित्सक या कर्मचारी से संपर्क किया.
गत दिवस 23 जुलाई 2020 को अस्पताल परिसर में सुनील धाकड़ की पर्ची नहीं बनने के कारण उपचार के अभाव में मृत्यु के कारणों की कार्यपालिक मजिस्ट्रेट द्वारा जांच की जाएगी.
डिप्टी कलेक्टर सोनम जैन जांच करेंगी. इस हेतु कलेक्टर कुमार पुरूषोत्तम द्वारा जैन को विशेष जांच अधिकारी बनाया गया है. वे 7 दिवस में जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगी.
उन्होंने यह निर्देश मीडिया में प्रकाशित एवं प्रसारित समाचार के संबंध में सिविल सर्जन सह अधीक्षक एस.के. श्रीवास्तव से 8 पृष्ठीय जांच रिर्पोट प्राप्त होने के बाद दिए हैं.
जांच रिपोर्ट में सिविल सर्जन ने बताया कि जिला अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज के आधार पर मृतक की पत्नि आरती रजक अथवा उसका कोई अटेण्डर का पर्ची काउंटर पर आना नहीं पाया गया है.
उन्होंने बताया कि शासन के निर्देशानुसार जिला अस्पताल में रोगी की पर्ची नि:शुल्क बनाई जा रही है तथा पर्ची बनाने के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि इस संबंध में मृतक की पत्नि आरती रजक के बयान लिए गए हैं. पर्ची काउंटर पर तैनात कर्मचारियों की पहचान कराई जाने पर उसने कहा कि – ”इनमें से मुझसे किसी ने कोई पैसे नहीं लिए ना ही इस बारे में कोई बात हुई”.
मृतक की पत्नि रजक ने अपने कथन में यह भी स्वीकार किया कि रोगी को उपचार के लिए अस्पताल के अंदर लाया नहीं गया. बाहर ही रखे रहे.
सिविल सर्जन ने अपने जांच प्रतिवेदन में कहा है कि उक्त मरीज न तो अस्पताल के भीतर आया, ना ही कोई पर्चा बनवाया ना ही किसी चिकित्सक या कर्मचारी से संपर्क किया.
उक्त व्यक्ति के संबंध में उसके मित्र जमील खॉन से जानकारी प्राप्त हुई कि मृतक सुनील धाकड़ क्षय रोग से पीड़ित था एवं शराब व नशे का आदि था. जाच के दौरान यह प्रतीत हुआ की रोगी अस्पताल के परिसर से भीतर परीक्षण कक्ष तक एवं रजिस्ट्रेशन काउन्टर तक भी नहीं आया.