कर्नाटक में सिद्धारमैया की अगुआई वाली पिछली कांग्रेस सरकार ने 2016 से मैसूर के शासक टीपू सुल्तान की जयंती मनाना शुरु किया था और तब से ही हर साल इन समारोहों के विरोध में प्रदर्शन होते रहे थे। कर्नाटक में नई बीजेपी सरकार ने टीपू सुल्तान के जयंती समारोह पर रोक लगा दी है। सोमवार को हुए कैबिनेट बैठक में टीपू जयंती नहीं मनाने का फैसला लिया गया। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से कन्नड़ संस्कृति विभाग को रोक से संबंधित आदेश भी जारी कर दिया गया है। प्रदेश में 2015 में सिद्धारमैया सरकार ने बीजेपी के विरोध के बाद भी टीपू जयंती पर कार्यक्रम आयोजित कराने का फैसला किया था। राज्य सरकार की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि प्रदेश में टीपू जयंती मनाने की कभी परंपरा नहीं रही है और इसलिए हमने इसे नहीं मनाने का फैसला किया। उधर, सिद्धारमैया ने बीजेपी सरकार के इस फैसले का विरोध किया है। टीपू जयंती का विरोध करने वाली बीजेपी टीपू सुल्तान को “अत्याचारी” और “हिंदू-विरोधी” बताती है।
सोमवार को वरिष्ठ बीजेपी नेता केजी बोपैया ने मुख्यमंत्री को एक चिट्ठी लिख टीपू जयंती को रद्द करने की मांग की थी जिसमें उन्होंने लिखा था कि कई जगहों पर, और ख़ास कर कोडागु ज़िले, में होने वाले विरोध की वजह से निजी और सरकारी संपत्तियों को नुक़सान पहुँचा है। उनकी चिट्ठी को आधार बनाकर ही सरकार ने तत्काल-प्रभाव से टीपू जयंती को रद्द करने का फ़रमान जारी कर दिया है।