रांची: झारखंड ऊर्जा विकास श्रमिक संघ के अध्यक्ष अजय राय ने कहा है कि झारखंड ऊर्जा विकास निगम के अधीनस्थ अधिकारियों के विरुद्ध कांग्रेस के नेतागण अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं. खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे की तर्ज पर कांग्रेस के प्रवक्तागण विद्युत विभाग के अधिकारियों के विरुद्ध बेबुनियाद और तथ्यहीन आरोप लगा रहे हैं.
राय ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल के दौरान सत्तारूढ़ दल में शामिल कांग्रेस वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव के मद्देनजर समाज के बीच सक्रियता से जुटे रहने की बजाय अपनी ही सरकार के मुखिया के अधीनस्थ ऊर्जा विभाग पर बेवजह आरोप संबंधित अधिकारियों का भया दोहन करने में लगे हैं.
उन्होंने कहा कि इस प्रकरण में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन देखें कि उनके विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कार्यालय से लेकर घर तक चरणबद्ध आंदोलन चलाने की घोषणा करने वाले कांग्रेस के तथाकथित प्रवक्तागण व्यक्तिगत स्वार्थसिद्धि के लिए किस कदर हाय-तौबा मचा रहे हैं.
राय ने कहा कि कांग्रेस के प्रवक्तागण ने बेवजह आंदोलन करने की धमकी देकर इसकी आड़ में अधिकारियों का भयादोहन की रणनीति तैयार की है. उन्होंने कहा कि एक तो विद्युत विभाग के अंदर मैन पावर की कमी है. सीमित संसाधनों में अपनी जान जोखिम में डालकर भी विद्युतकर्मी काम कर रहे हैं.
ऐसे हालात में सत्ताधारी दल की ओर से की जा रही गलत बयानबाजी से ऊर्जा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों का मनोबल गिरेगा. उन्होंने कहा कि इस मामले में मुख्यमंत्री को हस्तक्षेप करने की जरूरत है.
झारखंड ऊर्जा विकास श्रमिक संघ कांग्रेस के इस कृत्य का कड़ा विरोध करता है. उन्होंने कहा कि यदि 48 घंटे के अंदर मुख्यमंत्री इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करते हैं, तो ऊर्जा विकास श्रमिक संघ के सदस्य सर्वमंगल को काम से अलग करेंगे और हड़ताल पर जाने के लिए विवश होंगे.
अजय राय ने झारखंड कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव सहित सभी कार्यकारी अध्यक्षों से भी सवाल किया है कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण के समय मानवता की सेवा में यथोचित कदम उठाने की बजाय पार्टी द्वारा चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा क्या कांग्रेस पार्टी की आधिकारिक घोषणा है? क्या इस आंदोलन की घोषणा प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारियों के सामूहिक निर्णय हैं? क्या इस आंदोलन का नेतृत्व खुद प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव जी करेंगे? इसका जवाब पार्टी स्तर पर कांग्रेस को देना चाहिए.