दिल्ली: FPO शेयरों की लिस्टिंग के बाद सोमवार को प्राइवेट सेक्टर के यस बैंक के शेयर का भाव 9.89 फीसद की गिरावट के साथ 12.30 रुपये पर रह गया. इस तरह बैंक को सोमवार को लोअर सर्किट का सामना करना पड़ा. बाजार पूंजीकरण के हिसाब देश के सातवें सबसे बड़े प्राइवेट बैंक ने 12 रुपये प्रति शेयर की दर से फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर के जरिए 15,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं.
BSE की ओर से शुक्रवार को जारी नोटिस में कहा गया था, ”यस बैंक के 12,50,44,33,750 इक्विटी शेयरों को लिस्ट किया गया है और 27 जुलाई, 2020 को एक्सचेंज पर ट्रेडिंग के लिए स्वीकृति दी गई है. ये शेयर कंपनी के पहले से मौजूद इक्विटी शेयर के बराबर के हैं.”
Yes Bank द्वारा 15,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए लाए गए FPO को 93 फीसद सब्सक्रिप्शन मिला था. एंकर इंवेस्टर्स के हिस्से को मिला लिया जाए तो इस FPO को 95 फीसद का सब्सक्रिप्शन मिला था. किसी भी इश्यू को अगर कुल आकार की तुलना में 90 फीसद तक सब्सक्रिप्शन मिलता है तो उसे सफल माना जाता है. यस बैंक ने FPO के लिए शेयरों की कीमत 12-13 रुपये निर्धारित किया था. बैंक का यह FPO 15 जुलाई को सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था.
क्या होता है FPO
FPO एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके तहत किसी एक्सचेंज पर पहले से लिस्टेड कंपनी निवेशकों या मौजूदा शेयरधारकों को नए शेयर जारी करती है. कोरोनावायरस महामारी के चलते इकोनॉमी और बिजनेस प्रभावित हुए हैं. ऐसे में फंसे हुए कर्ज में वृद्धि की आशंका के चलते कई बैंक अपने बैलेंस शीट को मजबूत बनाने में लगे हुए हैं.
रेटिंग एजेंसी इकरा के आकलन के मुताबिक विनियामकीय पूंजीगत जरूरत को पूरा करने के लिए यस बैंक को 9,000 करोड़ रुपये से 13,000 करोड़ रुपये की पूंजी की जरूरत है.