रेलवे स्टेशनों की सफाई व्यवस्था जल्द ही हवाई अड्डे की तर्ज पर होगी। रेलवे इसकी तैयारी कर रहा है। स्टेशनों की फर्श को शीशे की तरह चमकाया जाएगा। पहले चरण में मुरादाबाद समेत देहरादून, हरिद्वार, बरेली स्टेशन का चयन किया गया है। इन पर काम शुरू हो गया है। मुरादाबाद स्टेशन पर पुराने पत्थर हटाकर ग्रेनाइट लगाए जा रहे हैं। सफाई व्यवस्था को लेकर रेलवे की ओर से लगातार सर्वे कराया जा रहा है। सर्वे में सफाई की और बेहतर व्यवस्था कराने की राय यात्रियों से मिली है। भारतीय रेल ने अब हवाई अड्डे की तर्ज पर सफाई कराने की योजना बनाई है। सफाई पूरी तरह आधुनिक और कम्प्यूटराइजड मशीनों से कराई जाएगी। मशीन से सफाई कराने में अधिकांश स्टेशन में फर्श बाधा हैं।
इसके लिए पहले फर्श तैयार की जाएगी। वर्तमान में प्लेटफार्म पर 25 एमएम का कोटा स्टोन लगा है। हवाई अड्डे की तरह सफाई कराने के लिए 40 एमएम के ग्रेनाइट स्टोन की आवश्यकता होती है। इसमें एक समान पत्थर लगाया जा सकता है और कम्प्यूटराइजड मशीन से आसानी से सफाई कराई जा सकती है।
मुरादाबाद स्टेशन के प्लेटफार्मो पर लगे कोटा स्टोन को हटाने का काम शुरू कर दिया गया है और उसके स्थान पर ग्रेनाइट स्टोन लगाया जाएगा।अपर मंडल रेल प्रबंधक अश्वनी कुमार का कहना है कि चरण में मुरादाबाद समेत देहरादून, हरिद्वार, बरेली स्टेशन का चयन किया गया है।
रेलवे ने अगस्त 2018 में देश के 7 हजार 349 स्टेशनों का स्वच्छता सर्वे जारी किया था। इसकी ए-1 कैटेगरी में राजस्थान का जोधपुर स्टेशन साफ-सफाई में सबसे आगे रहा। दूसरे नंबर पर जयपुर और आंध्र प्रदेश का तिरुपति तीसरे स्थान पर रहा। इससे पहले एक नंबर पर रहने वाला विशाखापट्टनम 2018-19 के सर्वे में फिसल गया।
रेल मंत्रालय पिछले 4 साल से ‘स्वच्छ रेल, स्वच्छ भारत’ अभियान चला रहा है। इसके तहत देश के सभी स्टेशनों को स्वच्छता के आधार पर रैंकिंग दी जाती है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि वेटिंग एरिया, प्लेटफॉर्म, ट्रेन, टॉयलेट, पार्किंग और उनके बाहर के क्षेत्र में स्वच्छता का आंकलन किया गया।
सर्वे के मुताबिक, ए-कैटेगरी के स्टेशनों में राजस्थान के पाली का मारवाड़ स्टेशन पहले, जयपुर का फुलेरा दूसरे और तेलंगाना का वारंगल तीसरे नंबर पर रहा।
गोयल ने बताया कि रेलवे जोन में उत्तर-पश्चिम रेलवे स्वच्छता सर्वे में शीर्ष पर है। इसके बाद दक्षिण-मध्य रेलवे जोन और पूर्वी तट रेलवे जोन रहे।