ईरान के साथ बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका ने बड़ी कार्रवाई की है। ट्रंप प्रशासन ने बुधवार को ईरान के विदेश मंत्री मुहम्मद जवाद जरीफ पर प्रतिबंध लगा दिया। ट्रंप प्रशासन के इस कदम से ईरान के साथ बातचीत की संभावनाएं पूरी तरह धूमिल हो गई हैं। अमेरिकी कार्रवाई का स्वागत करते हुए जरीफ ने कहा है कि इसका उन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। अमेरिका के कोषागार मंत्री स्टीवन मेंयूचिन ने कहा, ईरानी शासन को यह स्पष्ट संदेश देने वाला कदम है कि उसके हालिया कृत्य पूरी तरह अस्वीकार्य हैं। जरीफ ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली खामनेई के गैरजिम्मेदाराना एजेंडे पर अमल करते हैं।
इस कार्रवाई पर जरीफ ने कहा, अमेरिकी प्रतिबंध की वजह यह है कि मैं ईरान का दुनिया में प्रमुख प्रवक्ता हूं। इसका मेरे या मेरे परिवार पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि ईरान के बाहर मेरी कोई संपत्ति नहीं है। आपका आभारी हूं कि आप अपने एजेंडे के लिए मुझे इतना बड़ा खतरा समझ रहे हैं।
ट्रंप प्रशासन के प्रतिबंध के चलते जरीफ की अमेरिका में अगर कोई संपत्ति होगी तो वह जब्त कर ली जाएगी। वह अमेरिका में दाखिल भी नहीं हो सकेंगे। वह अक्सर अमेरिका स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में ईरानी मिशन का दौरा करते रहते हैं। इसके साथ ही यह सवाल भी खड़ा हो गया है कि अमेरिका के साथ अगर बातचीत का कोई रास्ता खुलता है तो ईरान की ओर से कौन अगुआई करेगा? वह 2013 से ईरान के विदेश मंत्री हैं।
ईरानी विदेश मंत्री जरीफ का अमेरिका से अच्छा जुड़ाव है। इसकी वजह यह है कि उन्होंने अमेरिका से ही पढ़ाई की है। अमेरिका खामनेई समेत ईरान के विशेष बल रिवोल्यूशनरी गार्ड्स और शीर्ष सैन्य प्रमुखों पर पहले ही प्रतिबंध लगा चुका है।
पिछले साल मई में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के साथ हुए परमाणु करार से अमेरिका के हटने का एलान किया था। इसके साथ ही ईरान पर कई सख्त प्रतिबंध थोप दिए गए थे। तभी से दोनों देशों में तनाव चल रहा है। ईरान ने साल 2015 में अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, रूस, चीन और जर्मनी के साथ परमाणु करार किया था। इस करार में जरीफ ने अहम भूमिका निभाई थी।
अमेरिका ने ईरानी खतरे से निपटने के लिए पश्चिमी एशिया में विमानवाहक पोत और बमवर्षक विमान तैनात कर रखे हैं। हाल के महीनों में कई तेल टैंकरों पर हुए हमलों के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया गया था। ईरान ने गत जून में अमेरिका के एक निगरानी ड्रोन को मार गिराया था। इसके बाद ट्रंप ने ईरान पर हमले तक का आदेश दे दिया था, लेकिन अंतिम क्षणों में वह इससे पीछे हट गए थे। ईरान ने परमाणु करार का उल्लंघन करते हुए यूरेनियम संवर्धन भी तेज कर दिया है।
ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने विदेश मंत्री जरीफ पर प्रतिबंध लगाने के कदम को बचकाना और कूटनीतिक अवरोध करार दिया है। रूहानी ने कहा, वे (अमेरिकी) बचकाना काम शुरू कर रहे हैं। वे हर दिन दावा करते हैं कि बिना शर्त ईरान के साथ वार्ता करना चाहते हैं और फिर हमारे विदेश मंत्री पर प्रतिबंध लगाते हैं।