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विभाग खोज रहा सामान, रिमांडर पर रिमांडर
रांचीः आईएएस, आईपीएस और टेक्नोक्रेट्स का सरकारी विभागों के समानों से मोह भंग नहीं हो रहा। सरकार की ओर से उपलब्ध कराये गये साजो-समान उन्हें इतना भा गया कि वे साथ लेते चले गये। विभाग अब रिमांडर पर रिमांडर भेज रहा है। लेकिन अफसरों ने अबतक इन समानों को लौटाया नहीं है। इसमें अपर मुख्य सचिव से लेकर प्रधान सचिव रैंक के अफसर शामिल हैं. बिजली विभाग के अफसर ने भी अब इस मामले में चुप्पी साध ली है। कहा ये भी जा रहा है कि अब इस मामले की क्यों न फाइल क्लोज कर दी जाये.
सिम कार्ड, मोबाइल और सोफासेट भी नहीं छोड़ा
बिजली बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष सह पूर्व अपर मुख्य सचिव एनएन पांडेय, पूर्व अध्यक्ष विमल कीर्ति सिंह, पूर्व विजिलेंस अफसर निर्मला अमिताभ चौधरी, पूर्व अध्यक्ष एसएन वर्मा, पूर्व सीएमडी के पीएस मुकेश कुमार ने पद तो छोड़ दिया, लेकिन ये अफसर सोफा सेट, ब्लैक बेरी का मोबाइल फोन, सिमकार्ड, डेल का लैपटॉप और आइपैड भी अपने साथ ले गये। पूर्व सीएमडी एसएन वर्मा अपने साथ ब्लैकबेरी का मोबाइल, आईपैड, लैपटॉप ले गये।
विभाग के सिमकार्ड से 98 हजार रुपये की बात भी की
कई अफसरों ने पद छोड़ने के बाद विभागीय सिमकार्ड का भी उपयोग भी किया। आईपीएस अफसर सह बिजली बोर्ड की तत्कालीन विजिलेंस अफसर निर्मला अमिताभ चौधरी ने बिजली विभाग द्वारा उपलब्ध कराये सिम से 98 हजार रुपये की बात भी की। इसका भुगतान भी नहीं किया गया। जब बिल आया तो विभाग के अफसरों ने रिमांडर भेजा। वहीं बिजली बोर्ड के दिल्ली में स्थित आईबी इंस्पेक्शन पर हर महीने 10 लाख रुपये का खर्च आ रहा है. जबकि आमदमी सिर्फ सात हजार रुपये ही हो रही है. इस पर भी सवाल खड़े हो गये। विभाग के अफसरों ने इसमें बागवानी से लेकर अन्य खर्च दिखाया है।