- वितरण निगम के एमडी राहुल पुरवार को उपलब्ध है इनोवा और सियाज
- मामला पहुंचा मुख्यमंत्री जन संवाद केंद्र में
- सियाज, इनोवास स्कार्पियो, वलेरो, विस्टा हर वेराइटी की है गाड़ी
रांचीः राज्य में बिजली की दशा सुधरे न सुधरे, लेकिन बिजली कंपनी के अफसरों का वाहन प्रेम कम नहीं होने का नाम ले रहा। झारखंड राज्य बिजली वितरण निगम और झारखंड संचरण निगम लिमिटेड के अफसरों ने चार महीने में 23 लाख 38 हजार 463 रुपये की सवारी कर ली। अब वाहन उपलब्ध कराने वाली कंपनी राज टूर एंड ट्रैवल्स को भुगतान नहीं किया गया है। इसको लेकर कंपनी ने मुख्यमंत्री जन संवाद केंद्र में शिकायत दर्ज कराई है।
इलेक्ट्रॉनिक वाहन भी हैं अफसरों के लिए उपलब्ध
बिजली कंपनी के अफसरों को इलेक्ट्रकल वाहनों के अलावा इनोवा, सियाज, विस्टा, इंडिगो, सूमो, डिजायर, एक्सनेट, जेस्ट, बलेरो जैसे वाहन उपलब्ध कराये गए हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये हर माह इइएसएल को 40 हजार रुपये का भुगतान किया जाता है। इसके अलावा पेट्रोल और डीजल वाहनों पर हर महीने चार लाख रुपये से अधिक खर्च किए जाते हैं।
वितरण और संचरण निगम के एमडी पर सबसे अधिक खर्च
झारखंड राज्य बिजली वितरण निगम के एमडी राहुल पुरवार को दो लक्जरी वाहन सियाज और इनोवा आबंटित है। चार महीने में राहुल पुरवार ने 126000 रुपये की सवारी कर ली। पुरवार को इनोवा रेसिडेंसियल ऑफिस के लिये आबंटित है। जबकि ऑफिस के लिए सियाज उपलब्ध कराया गया है। जबकि झारखंड ऊर्जा संचरण निगम के एमडी निरंजन कुमार के वाहन डिजायर का बकाया 110940 लाख है. वहीं एमडी के टेक्निकल सेक्रेट्री का बकाया 95940 हजार हो गया है.
किस दर पर प्रति माह कौन से वाहन उपलब्ध कराये गए हैं
वाहन का नाम प्रति माह किराया रुपए में
सियाज – 27000
विस्टा – 15990
इंडिगो – 18490
बीट – 15990
जेस्ट – 18490
डिजायर – 18490
बलेरो – 21490
मारुती वैन – 13000
संचरण निगम में कौन किस वाहन की करते हैं सवारी
एमडीः सियाज
इंजीनियर इन चीफ- स्कॉर्पियो और इंडिगो
एमडी के तकनीकी सचिवः विस्टा
फाइनांश कंट्रोलर टूः इंडिगो
अधीक्षण अभियंताः सुमो
अधीक्षण अभियंता एसएलडीसीः बीट
डायरेक्टर प्रोजेक्टः स्कॉर्पियो
चीफ इंजीनियरः इंडिगो
जीएम एचआरः इंडिगो
ज्वाइंट सेक्रेट्रीः इंडिगो
एकाउंट विंगः विस्टा
चीफ इंजीनियर(सिविल) इंडिगो
चीफ इंजीनियरः इंडिगो
अधीक्षण अभियंता ट्रांसमिशनः विस्टा
इएसइ(ऑपरेशन) विस्टा
क्या कहते हैं कंपनी के संचालक
कंपनी के संचालक राजेश कुमार ने बताया कि भुगतान नहीं होमे के कारण ड्राइवरों को वेतन नहीं दे पा रहे हैं। मुख्यमंत्री जन संवाद केंद्र में इसकी शिकायत की गई है।