ब्यूरो चीफ, रांची
झारखंड की राजधानी अब स्मार्ट शहर के रूप में जल्द अपनी पहचान स्थापित करेगा. नगर विकास विभाग की एजेंसी झारखंड अरबन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कंपनी (ज्यूडको) की तरफ से इस दिशा में काम भी शुरू कर दिया गया है. चार चरणों में 435 करोड़ की लागत से स्मार्ट सड़कें बनवायी जा रही हैं. पहले चरण में राजधानी के बिरसा मुंडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से लेकर बिरसा चौक तक का काम शुरू कर दिया गया है. इसमें 48 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इन सड़कों में फुटपाथ और साइकिल लेन का भी प्रावधान रहेगी. भुवनेश्वर शहर की तर्ज पर सिक्स लेन स्मार्ट सड़क बननी शुरू हो गयी हैं, जहां सभी बुनियादी सुविधाएं एक डक्ट (नाली-नुमा बनावट) में सन्निहित रहेंगी. इस डक्ट में इलेक्ट्रिक वायर, पानी की जलापूर्ति लाइन, गैस लाइन, टेलीफोन केबुल और अन्य सुविधाएं साथ होंगी. डक्ट के ऊपर दो रंग यानी लाल और हरे टाइल्स से अलग-अलग पाथवे बनाया जायेगा, जो लोगों के चलने और साईकिल का ट्रैक की तरह होगा.
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कौन-कौन सी सड़कें बनेंगी स्मार्ट :
राजधानी के 22 किलोमीटर से अधिक दूरी की सड़कें अब स्मार्ट सड़क होंगी. इसमें एयरपोर्ट से बिरसा चौक, राजभवन से बिरसा चौक की 9 किलोमीटर तक की सड़क, राजभवन से बूटी मोड़ तक की 8 किलोमीटर की सड़क और राजभवन से लेकर कांटाटोली तक की 3 किलोमीटर तक की सड़क शामिल है. इनमें से सबसे अधिक राशि राजभवन से बूटी मोड़ में खर्च होंगे. वैसे भी पहले से ये सड़कें फोर लेन सड़क हैं. इन्हें अब सिक्स लेन में तब्दील कर दिया जायेगा. तीन वर्षों में ये सड़कें बन कर तैयार हो जायेंगी.
भूमि अधिग्रहण की दिक्कतों को किया गया सरल :
नगर विकास विभाग की तरफ से स्मार्ट सड़कों के लिए भूमि अधिग्रहण में हो रही दिक्कतों को सरल किया गया है. पहले उन इलाकों में सड़कें बन रही हैं, जहां सरकार को भूमि अधिग्रहण के लिए खास दिक्कत नहीं हो रही हैं. इसमें बिरसा मुंडा राजपथ, एयरपोर्ट रोड और सरकुलर रोड का कुछ हिस्सा शामिल है.
नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने भी जमीन अधिग्रहण में आ रही दिक्कतों को देखते हुए बीच का रास्ता निकालने का आह्वान अधिकारियों से किया है. उन्होंने कहा है कि बेहतर सड़क और आधारभूत संरचना के लिए जमीन अधिग्रहण और अन्य कागजी कार्रवाई का सरलीकरण किया जा रहा है.