चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम जिला उपायुक्त अरवा राजकमल के अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित सभागार में डीएमएफटी प्रबंधन समिति के सदस्य सारंडा वन प्रमंडल पदाधिकारी रजनीश कुमार, उप विकास आयुक्त संदीप बक्शी के उपस्थिति में बैठक का आयोजन किया गया.
बैठक में कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्तियों के इलाज हेतु संचालित चाईबासा तथा चक्रधरपुर में संचालित कोविड-19 केयर सेंटर में कार्यरत चिकित्सक एवं चिकित्सा कर्मियों के रहने में प्रयुक्त होटल का किराया (रेंट कंट्रोल एक्ट के तहत) एवं आवश्यक सेवाओं में लगने वाले कर्मियों के मानदेय के साथ-साथ कोविड वायरस के रोकथाम हेतु आवश्यक उपस्कर से संबंधित प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा की गई है.
आज के बैठक में अपर उप समाहर्ता जावेद अंसारी, सिविल सर्जन डॉ ओम प्रकाश गुप्ता, जिला भू अर्जन पदाधिकारी एजाज अनवर, जिला पंचायती राज पदाधिकारी विपिन कुमार सिंह, डीएमएफटी नोडल पदाधिकारी गिरिजानंदन किस्कु एवं नजारत प्रभारी रवि कुमार उपस्थित रहे.
बैठक के उपरांत उपायुक्त के द्वारा बताया गया कि उपर्युक्त बिंदुओं के साथ आज के बैठक में डीएमएफटी शासी परिषद के द्वारा लिए गए निर्णय के आलोक में चाईबासा जिले के लिए एक आर.टी.पी.सी.आर लैब जिसमें 1 दिन में लगभग 1,500 नमूनों की जांच की जा सकती है, पलामू एवं दुमका जिले के तर्ज पर इस जिले में निर्माण करवाने को लेकर डीएमएफटी मद के आधार पर अतिरिक्त डेडिकेटेड कोविड-19 टेस्टिंग लैब के निर्माण से संबंधित अनुरोध राज्य सरकार से करने का महत्वपूर्ण निर्णय प्रबंधन समिति के द्वारा लिया गया है.
उन्होंने बताया कि जिले में इस अत्याधुनिक लैब स्थापित होने से वायरस संक्रमण के रोकथाम में जिला प्रशासन के द्वारा किए जा रहे प्रयास को काफी सहयोग मिलेगा.