ब्यूरो चीफ
रांची
झारखंड में अगले एक सौ दिनों में चार सौ किलोमीटर तक की सड़कें बनायी जायेंगी. इसमें 1840 करोड़ रुपये खर्च होंगे. राज्य सरकार ने 25 सौ करोड़ की योजनाएं स्वीकृत की हैं, जिसमें से 640 करोड़ रुपये की परियोजनाओं पर काम शुरू हो गया है. शुक्रवार को सूचना भवन में प्रेस को संबोधित करते हुए पथ निर्माण विभाग के सचिव के.के. सोन ने यह बातें कहीं. उन्होंने कहा कि झारखंड के धनबाद और रांची को भारतमाला परियोजना से जोड़ा गया है. रायपुर से धनबाद तक सिक्स लेन सड़क इसमें बनेगी.
वहीं संबलपुर से रांची तक की भी भारतमाला योजना में सड़क बनायी जायेगी. भारतमाला स्टेज-2 में धामरा पोर्ट (ओड़िशा) से सिंदरी तक का एक्सप्रेसवे बनाया जायेगा. के.के. सोन ने कहा कि अगले चार माह में छतरपुर-जपला, देवघर-मधुपुर, विकास-नामकुम-कांटाटोली, सिसई-घाघरा-कुरडेग समेत दर्जनों सड़कें बन कर तैयार हो जायेंगी. राजधानी रांची के रिंग रोड के सातवें चरण का काम भी भारतीय उच्च पथ प्राधिकार को सुपूर्द कर दिया गया है.
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18 माह में सातवें चरण यानी विकास से रामपुर हाट तक का काम पूरा कर लिया जायेगा. झारखंड के टूरिस्ट सर्किट की सड़कों को भी दुरुस्त किया जा रहा है. रजरप्पा से लेकर चितरपुर (रामगढ़) की सड़कें फोर लेन में तब्दील की जा रही हैं. पलामू-महुआडांड-गारू तक की सड़क को भी दुरुस्त किया जा रहा है.
जेपीएससी और एसएससी से होंगी 969 अभियंताओं की नियुक्तियां :
के.के. सोन ने कहा कि झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) और राज्य कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) से 969 अभियंताओं की नियुक्ति की जायेगी. इसमें सहायक अभियंताओं के 732 पदों के लिए जेपीएससी से विज्ञापन निकालने का अनुरोध किया गया है. वहीं कनीय अभियंता स्तर के 237 इंजीनियरों की भी बहाली एसएससी से करायी जायेगी. उन्होंने कहा कि विभाग में कार्यपालक अभियंता से लेकर मुख्य अभियंता स्तर के अधिकारियों को प्रोन्नति देने के लिए विकास आयुक्त सुखदेव सिंह की अध्यक्षता में विभागीय प्रोन्नति समिति की बैठक हो चुकी है. जल्द ही प्रोन्नति देने की औपचारिकताएं पूरी कर पोस्टिंग भी कर दी जायेगी.
एनएचएआई की तरफ से 10 हजार करोड़ की सड़कें बन रही हैं :
झारखंड में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकार की तरफ से 10 हजार करोड़ की सड़कें बनायी जा रही हैं. एनएचएआइ की तरफ से राज्य में 30 परियोजनाओं में 3367 किलोमीटर तक की सड़क का निर्माण हो रहा है. इसमें एनएचएआइ के पास 887 किलोमीटर की सड़क और झारखंड सरकार के पास 2480 किलोमीटर तक की सड़क है. एनएच सेक्शन में 92 पुल-पुलिया भी बनाये जा रहे हैं.
झारखंड में सड़क का घनत्व भी प्रति एक हजार किलोमीटर, चार गुना बढ़ने का दावा पथ निर्माण सचिव ने किया. उन्होंने कहा कि झारखंड में 2000 में जहां सिर्फ 25 सौ किलोमीटर तक की सड़क थी, वह अब बढ़ कर 12500 किलोमीटर हो गयी है. केंद्रीय सहायता से 246 किलोमीटर तक की सड़क बनायी गयी है, जिसमें एनएच का 964 किलोमीटर सड़क भी शामिल है.
संवेदकों को देनी होगी जानकारी :
पथ निर्माण सचिव ने कहा कि सड़क बनानेवाले कांट्रैक्टरों को अब यूकैन सॉफ्टवेयर के जरिये सभी तरह की जानकारी देनी होगी. इसमें वे कितना काम झारखंड में और कितना काम दूसरे राज्यों में कर रहे हैं, उसका ब्योरा भी देना होगा. कांट्रैक्टरों को उनकी क्षमता के बारे में भी बताना होगा. अलग-अलग आधार देकर कांट्रैक्ट हासिल करने की परंपरा को अब और पारदर्शी किया जा रहा है. सभी विभागों के नियम अब एक होंगे, ताकि फरजीवाड़ा रोकी जा सके.