तीन अगस्त को झारखंड कांग्रेस की कलह को दूर करने का होगा प्रयास
उपेंद्र
रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी का विवाद दिल्ली दरबार तक पहुंच चुका है. दिल्ली के कांग्रेसी पंच , झारखंड कांग्रेस की पंचायत लगा कर यहाँ के कद्दावर नेताओं के आपसी घमासान को खत्म करने का समाधान ढूंढेंगे. कांग्रेस महामंत्री केसी वेणुगोपाल ने बीत दिन की मारपीट की रिपोर्ट पर पर सभी नेताओं को दिल्ली तलब किया है. तीन अगस्त को इस मसले पर झारखंड के तमाम नेताओं की मौजूदगी में शायद कोई बड़ा निर्णय लिया जा सकता है. वैसे झारखंड कांग्रेस में कलह कोई अनूठी बात नहीं है, पूर्व में भी आपसी वर्चस्व को लेकर कितनी बार नेताओ में जंग छिड़ती रही है. गोली बंदूक ,लाठी,डंडे और पथराव तो कई बार हुए हैं. इस बार भी कांग्रेस भवन परिसर में प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय के समर्थक आपस में भिड़ गए. तू-तू, मैं-मैं, ही नहीं जूतम पैजार की बानगी कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय को एक बार फिर कुरुक्षेत्र बना डाला. दोनों गुटों के कार्यकर्ता ही नहीं बल्कि कद्दावर भी एक दूसरे के खिलाफ मोरचा संभाल रहे हैं. जो आरोप विपक्षी खेमा लगाता रहा है, अब कांग्रेस के लोग ही एक दुसरे का पोल खोल रहे हैं.
कांग्रेस महामंत्री वेणुगोपाल की पंचायत में होगा फैसला
दिल्ली में बैठक में कई वरिष्ठ नेताओं को उपस्थित रहने का आदेश दिया गया है. इस बैठक में भी गर्माहट तो दिखेगी ही देश स्तर पर कमजोर हो चुकी झारखंड कांग्रेस की कलह केंद्रीय नेताओं का पसीना छुड़ाने के लिये काफी है. दिल्ली में आयोजित इस सुलह सफाई बैठक में झारखंड प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी आरपीएन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार, पूर्व मंत्री सुबोधकांत सहाय, रामेश्वर उरांव, राज्य में अलग-अलग समय में मंत्री रहे ददई दुबे, बन्ना गुप्ता, राजेंद्र सिंह, मोर्चा-संगठन के अध्यक्ष, सभी जोनल कोर्डिनेटर, आलमगीर आलम, मनोज यादव, फुरकान अंसारी, सुखदेव भगत,प्रदेश मीडिया प्रभारी राजेश ठाकुर जैसे कई लोग दिल्ली पहुँचेंगे बैठक में प्रदेश अध्यक्ष को लेकर फैसला भी हो सकता है. यहाँ देखने वाली बात यह है कि डॉ अजय का साथ कितने दम-खमवाले खड़े है जिनकी दिल्ली में तूती बोलती है. नहीं तो डॉ अजय अकेले पड़ सकते हैं. बैठक में नेताओं से अलग-अलग राय सुमारी भी होगी तब है कि डॉ अजय को राहुल गांधी और सोनिया गांधी तक पहुंच का लाभ मिलने की उम्मीद है.
विधानसभा चुनाव के नाम पर डॉ अजय को मील सकता है अभय दान
अटकलों का बाजार गर्म है तरह-तरह के अनुमान राजनीतिक फिजा में तैर रहे है झारखंड विधानसभा चुनाव की दुहाई देकर विरोध कर रहे नेताओ शांत कर लिया जाये. आपसी कलह विधानसभा चुनाव के परिणाम में कांग्रेस को व्यापक नुकसान पहुंचा सकता है. दूसरी और अध्यक्ष का चेहरा बदलने से भी बड़ा नुकसान हो सकता है क्योंकि की डॉ अजय के समर्थकों को नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है. कुल मिला कर कलह को सुलझा कर सभी को मनाना मुश्किल है और काफी गुणा -भाग, नफा-नुकसान के बाद ही कोई निर्णय हो सकता है