वाशिंगटन शीत युद्ध कालीन इंटरमीडिएट-रेंज न्यूक्लियर फोर्सेज (आईएनएफ) समझौते से हटने के बाद अमेरिका पारंपरिक ग्राउंड-लॉन्च्ड मिसाइलों को पूरी तरह विकसित करेगा. रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने यह जानकारी दी. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, एस्पर ने शुक्रवार को कहा, “अब जब हम समझौते से निकल आए हैं, रक्षा विभाग इन पारंपरिक ग्राउंड-लॉन्च्ड मिसाइलों को पूरी तरह विकसित करेगा.” उन्होंने इस कदम को रूसी कार्रवाई के जवाब में विवेकपूर्ण कदम बताया.
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बयान के अनुसार, अमेरिका ने 2017 में ग्राउंड-लॉन्च्ड मिसाइलों के लिए पहले से ही अनुसंधान एवं विकास शुरू कर दिया है. विभाग ने अनुसंधान एवं विकास की शुरुआत गतिशील, पारंपरिक, ग्राउंड-लॉन्च्ड क्रूज और बैलेस्टिक मिसाइल सिस्टम पर की है. बयान में दावा किया गया कि आईएनएफ संधि के नियमों का पालन करने के लिए ये परियोजनाएं शुरुआती चरण में हैं.
अमेरिका जिस दिन औपचारिक रूप से संधि से अलग हुआ, एस्पर ने उसी दिन यह बयान जारी किया.
अमेरिका में कई मीडिया संस्थानों की रिपोर्ट्स के अनुसार, मॉस्को को शक्ति दिखाने के लिए वाशिंगटन आगामी सप्ताहों में एक नई गैर परमाणुविक मोबाइल-लॉन्च्ड क्रूज मिसाइल का प्रक्षेपण करने की योजना बना रहा है.