नई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन के बाद भव्य मंदिर बनाने का कार्य शुरू हो चुका है. राम मंदिर को दिव्यांगजनों के लिए सुलभ बनाने का प्रस्ताव आया है. दिल्ली के पूर्व निःशक्त जन आयुक्त टीडी धारियाल ने मंदिर निर्माण समिति के प्रमुख पदाधिकारियों को पत्र लिखकर कहा है कि राम मंदिर को दिव्यांगजनों के लिए भी सुलभ बनाया जाए.
सभी श्रेणी के दिव्यांगजन के लिए सुलभ व्यवस्था की मांग
घड़ियाल ने प्रमुख पदाधिकारियों से कहा कि मंदिर निर्माण कार्य पूरा होने के बाद इस मंदिर में देश-विदेश से करोड़ों लोग भगवान राम के दर्शन करने आएंगे. जिसमें अलग-अलग श्रेणी के दिव्यांगजन भी शामिल होंगे. इसी के मद्देनजर सभी दिव्यांगों के लिए सुलभ होना आवश्यक है. वहीं दिव्यांग व्यक्ति अधिकार अधिनियम 2016 के अंतर्गत सभी दिव्यांगों के लिए सुलभ बनाया जाना अनिवार्य होता है.
सभी धार्मिक स्थल दिव्यांगों के लिए अनुकूल नहीं
सेंटर फॉर एक्सेसिबिलिटी इन बिल्ट एनवायरमेंट फाउंडेशन के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर टीडी धारियाल ने कहा कि एक जांच में सामने आया है कि दिल्ली में बने सभी धार्मिक स्थल दिव्यांगों के लिए अनुकूल नहीं है, घड़ियाल के दौरा करने के बाद उन्होंने पाया कि कई धार्मिक स्थलों के निर्माण में मानकों का पालन भी नहीं किया गया था. इसके बाद ही उन्होंने सभी धार्मिक स्थलों को दिव्यांगों के लिए अनुकूल बनाने का निर्देश दिया था. गुरुद्वारा बंगला साहिब और गुरुद्वारा शीशगंज दिव्यांग जनों के लिए पूर्ण अनुकूल पाए गए थे.
दिव्यांगजनों के लिए रैंप और लिफ्ट बनाने की आवश्यकता
बता दें कि कुछ दिव्यांगजन समान्य लोगों की तरह सीढ़ियां चढ़ने में सक्षम नहीं होते हैं और कुछ को भारतीय डिजाइन में बने बाथरूम इस्तेमाल करने में परेशानी होती है. ऐसे में नियम बनाया गया है कि सार्वजनिक भवनों के प्रवेश द्वार से लेकर स्थल की सभी प्रमुख जगहों तक रैंप बनाया जाना चाहिए. इसके अलावा लिफ्ट भी दिव्यांगजनों के अनुकूल होना चाहिए. इससे दिव्यांग जनों को कोई असुविधा ना हो इसका ध्यान रखना चाहिए.