मुंगेर: नियोजित शिक्षकों के वेतनवृद्धि एवं नई सेवा शर्त को लेकर शिक्षकों में है आक्रोश. आदर्श अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष राणा शारणधर ने कहा कि शिक्षक हर परिस्थितियों में अपना शत प्रतिशत योगदान देते आ रहे हैं.
यहां तक कि कोरोना महामारी में भी अपने जान पर खेल कर सेवा प्रदान किया, तब सरकार सबसे ज्यादा शिक्षक का ही शोषण कर रही है. 2015 में कड़े संघर्ष उपरांत एक छोटा पैकेज वाला वेतनमान मिला और जल्द सेवा शर्त नियमावली की घोषणा करने की बात सरकार द्वारा कही गई.
जहां काफी लम्बा समय निकल गयाऔर वेतनमान और सेवा शर्त को लेकर लंबे समय तक शिक्षक हड़ताल पर रहे, इस बीच कई शिक्षकों की अकस्मात मृत्यु हो गई, तब इनकी सुधि लेने भी कोई नहीं आए.
कोरोना विपदा को देखते हुए हम हड़ताल से इस बात पर वापस लौट आए कि इस समस्या के समाधान के लिए शिक्षक संगठन से वार्ता कर उचित समाधान निकाला जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और अब सरकार ने जो वेतनवृद्धि और सेवा शर्त की घोषणा की है वह शिक्षकों के साथ छलावा भरा है.
वहीं इस संबंध में संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष अरविंद कुमार सिंह ने कहा कि 15 फीसदी वेतनवृद्धि से विशेष कुछ फर्क नहीं पड़ने वाला है. प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य प्रणव कुमार सिंह ने कहा कि सरकार इसमें पारस्परिक स्थानांतरण की बात कह रही, इससे शिक्षकों को विशेष लाभ मिलता नहीं दिख रहा.
गौतम सिंहा ने कहा कि अपने गृह प्रखंड में स्थानांतरण के लिए ऐसे शिक्षक कहां-कहां खोजेंगे! सूचित कुमार, राजेश कुमार, विद्या सागर, अनंत कुमार, रजनीश कांत, सुशांत सिंह, आलोक कुमार सहित अन्य शिक्षकों ने इसे लेकर नाराजगी जाहिर की.
आदर्श अध्यापक संघ ने राज्यकर्मी का दर्जा, वेतनमान, अंतर जिला स्थानांतरण, आकस्मिक निधन पर 20 लाख रुपए इन्श्योरेंस की मांग की है और कहा कि अगर हमारी मांगों को सरकार जल्द से जल्द पूरी नहीं करती है तो अन्यथा की स्थिति में संघ आने वाले दिनों में जोड़दार आंदोलन करेगी.