जम्मू कश्मीर में तेजी से बदलते घटनाक्रम के बीच दिल्ली में चल रही केंद्रीय कैबिनेट की अहम बैठक खत्म हो गई है। प्रधानमंत्री आवास पर हुई कैबिनेट मीटिंग के बाद कोई प्रेस वार्ता नहीं होगी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अब से थोड़ी देर में संसद के दोनों सदनों को संबोधित करेंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राज्यसभा में सुबह 11 बजे और लोकसभा में आज दोपहर 12 बजे बोलेंगे। हालांकि बैठक में किस मुद्दे पर बात की जाएगी इसको सीक्रेट रखा गया है, लेकिन बताया जा रहा है कि कैबिनेट की इस अहम बैठक में कश्मीर को लेकर कोई बड़ा फैसला आ सकता है। इस बैठक में गृहमंत्री अमित शाह, एनएसए अजीत डोभाल भी मौजूद थे।ऐसे में कश्मीर को लेकर जारी हलचल के बीच क्या फैसला होता है इसपर हर किसी की नजर है। इससे पहले कश्मीर में अनुच्छेद-370 और 35 ए पर चर्चाओं के बीच रविवार रात को तेजी से हालात बदल गए। जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला को आधी रात में उनके घरों में नजरबंद कर दिया गया। इसके साथ ही कई नेताओं को हिरासत में ले लिया गया या उनकी गिरफ्तारी हो गई। इसके अलावा घाटी में मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं को भी फिलहाल बंद कर दिया गया है। कश्मीर में धारा 144 लगा दी गई है।
जम्मू कश्मीर में हालात के मद्देनजर चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाबल तैनात कर दिए गए हैं। जम्मू कश्मीर में तनाव के बीच सभी जिलों के तमाम स्कूल-कॉलेजों को अगले आदेश तक बंद करने के आदेश दिए गए हैं। राज्य में तेजी से बदलते घटनाक्रमों के बीच राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एक इमरजेंसी मीटिंग बुलाई। इस बैठक में पुलिस और प्रशासन के बड़े अधिकारी शामिल हुए। इसमें गवर्नर ने मुख्य सचिव को घटना से संबंधित हर घंटे रिपोर्ट देने को कहा है।
कश्मीर को लेकर जारी अटकलों के बीच क्या मोदी सरकार कोई बड़ा फैसला लेने वाली है, यह सवाल आज हर किसी के मन में उठ रहा है। घाटी में हजारों की संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। जम्मू कश्मीर के प्रमुख नेताओं को नजरबंद कर दिया गया है। घाटी में मोबाइल-इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। पूरे राज्य में धारा 144 लागू कर दिया है।
कश्मीर में आतंकी खतरे और सुरक्षा तैयारियों के साथ ही आगे की रणनीति पर विचार करने के लिए गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को हाई लेवल मीटिंग की, जिसके बाद जम्मू-कश्मीर में हलचल बढ़ गई है। संसद भवन स्थित अमित शाह के दफ्तर में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और गृह सचिव राजीव गौबा के साथ लगभग दो घंटे तक बैठक चली। बैठक के बाद फाइलों के साथ अतिरिक्त सचिव ज्ञानेश कुमार के शाह से मिलने के लिए पहुंचने को लेकर अटकलें लगाई गईं कि जम्मू-कश्मीर को लेकर कोई बड़ा नीतिगत फैसला हो सकता है।