बदल रहा है झारखंड-2
70 अंचलों के भूमि दस्तावेज का हुआ कंप्यूटरीकरण
आधार कार्ड से जुड़े कुल 2306 दस्तावेज
ब्यूरो चीफ
रांची
झारखंड सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की तरफ से राज्य भर के अंचलों को कंप्यूटरीकृत कर दिया है. 70 राजस्व अंचलों और अवर निबंधक कार्यालयों के कंप्यूटराइज्ड होने से अब लोगों को आसानी से अपनी जमीन की सारी जानकारी एक फिंगर क्लिक पर उपलब्ध होने लगी है.
2008 में राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय भूमि प्रबंधन विकास परियोजना की शुरुआत की गयी थी. इसी सिलसिले में झारखंड की राजधानी रांची, रामगढ़, हजारीबाग, बोकारो और लोहरदगा को शामिल कर कंप्यूटरीकरण का काम शुरू किया गया था. झारखंड सरकार को जमीन के दस्तावेजों को ऑनलाइन करने के लिए जून 2017 तक 37.57 करोड़ रुपये मिले थे.
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केंद्र की मानें तो झारखंड में कुल 2266152 जमीन के दस्तावेज (रिकार्डस आफ राइट्स) हैं. इसमें से 30792 दाखिल-खारिज दस्तावेजों की साफ्ट कापी तैयार कर ली गयी है. इतना ही नहीं राज्य भर के268 तहसील की कुल 343888.26 वर्ग किलोमीटर की लंबाई में से 767 वर्ग किलोमीटर का भू-सर्वेक्षण भी पूरा कर लिया गया है. झारखंड के ग्रामीण और शहरी इलाकों के लिए बिहार से कुल 47751 नक्शे मंगाये गये. इन कैडेस्ट्रल मैप्स में से 42017 नक्शे अच्छे हालात में हैं, जिन्में से 41917 का डिजीटाइजेशन का काम पूरा कर लिया गया है.
झारखंड स्पेश एप्लीकेशन सेंटर (जेसैक) की तरफ से 27355 नक्शों का डाटा भी प्रमाणित कर लिया गया है. अंचल और निबंधन कार्यालय के लिए 21498 नक्शों को राईट्स आफ रिकार्डस से जोड़ दिया गया है. इनमें से 17417 नक्शे को रीयल टाइम पर अपडेट करने की सुविधा भी संलग्न है. 22839 भू-नक्शे को कैडेस्ट्रल मैप की तरह उपयोग में लाया जा रहा है.
राज्य भर के 70 अंचलों में से 42 अंचलों में इंटरनेट कनेक्टिविटी की सुविधा उपलब्ध करा दी गयी है. सभी रेवेन्वू आफिस में भी कनेक्टिविटी की सुविधाएं प्रदान कर दी गयी हैं. 10 हजार से अधिक कामन सर्विस सेंटर (प्रज्ञा केंद्र) से भी जमीन के दस्तावेज का नकल निकालने, ऑनलाइन लगान रसीद जारी करने, पंजी-2, खतियान और अन्य दस्तावेजों को सर्च करने से लेकर उसे ऑनलाइन देखने की सुविधाएं भी प्रदान की जा रही है. जाति, आय, आवासीय और अन्य प्रमाण पत्र भी प्रज्ञा केंद्र की सहायता से अंचल कार्यालय जारी कर रहे हैं.