देवघर: उपायुक्त-सह-जिला दण्डाधिकारी कमलेश्वर प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समन्वय समिति (डीएलसीसी) एवं जिला स्तरीय परामर्शदात्री समिति (डीएलआरसी), आर्सेटी सलाहकार समितिकी त्रैमासिक समीक्षा बैठक का आयोजन समाहरणालय सभागार में किया गया.
इस दौरान उपायुक्त ने जिला अंतर्गत नगद जमा अनुपात, क्रॉप ऋण, पीएमईजीपी के अलावा चल रहे विभिन्न कार्यों की वस्तुस्थिति से अवगत हुए. साथ ही जिला अंतर्गत नगद जमा अनुपात की समीक्षा करते हुए एलडीएम आरपीएम सहाय को निर्देशित किया कि सभी बैंक शाखाओं का निरीक्षण कर अपने अधिनस्थ अधिकारियों को नगद जमा अनुपात में बढ़ोतरी कराने का निर्देश दे.
आगे उन्होंने कहा कि नगद जमा अनुपात में बढ़ोतरी हेतु प्राथमिक क्षेत्र यथा- कृषि, पीएम स्वनिधि योजना, मछली पालन, आदि के आवेदनों का प्रथमिक्ता के आधार पर निष्पादन कर किया जा सकता है.
बैठक के दौरान उपायुक्त द्वारा जानकारी दी गई कि आत्मनिर्भर भारत के तहत स्ट्रीट वेंडरों को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने के उद्देश्य से पीएम स्वनिधि योजना की शुरुआत की गई है. इसके तहत रेहड़ी और पटरी वालों (छोटे सड़क विक्रेताओं) को अपना खुद का काम नए सिरे से शुरू करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा 10000 रूपये तक का लोन मुहैया कराया जायेगा.
इस दौरान उपायुक्त कमलेश्वर प्रसाद सिंह ने सभी बैंक के प्रतिनिधियों को निर्देशित किया कि सभी पीएम स्वनिधि योजना के तहत ऑनलाइन प्राप्त आवेदनों का निष्पादन 15 दिनों के अंदर करते हुए अगले 15 दिनों के अंदर सभी को राशि का डिसबर्समेंट किया जाये, ताकि सभी स्ट्रीट वेंडरों को कोरोना संक्रमण की वजह से लॉकडाउन के दरम्यान हुए समस्याओं से छुटकारा दिलाते हुए उन्हें आर्थिक रूप से सहायता प्रदान की जा सके.
समीक्षा के क्रम में उपायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि स्वरोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गयी प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत प्राप्त आवेदनो के जल्द से जल्द निष्पादित करते हुए लाभूकों के व्यवसाय का निरंतर अनुश्रवण करते रहें. साथ हीं समय-समय पर उन्हें सहयोग व आवश्यक मार्गदर्शन देते रहें.
बैठक के दौरान उपायुक्त ने बकरी पालन, मछली पालन, डेयरी उद्योग, किसान क्रेडिट कार्ड आदि के माध्यम से लाभुकों को लाभ दिलाने एवं आवेदनों के त्वरित निष्पादन हेतु संबंधित विभाग एवं बैंक के अधिकारियों को आवश्यक व उचित दिशा निर्देश दिया.
पीएमईजीपी से संबंधित आवेदनों को न रखें लंबित
समीक्षा के क्रम में उपायुक्त श्री कमलेश्वर प्रसाद सिंह ने संबंधित सभी बैंक अधिकारियों को निदेशित किया कि पीएमईजीपी के आवेदनों को बिना वजह लंबित ना रखें, अगर किसी आवेदन में त्रुटि है तो उसे उचित कारणों के साथ इसे अस्वीकृत करें.
साथ हीं उन्होंने इज ऑफ डूइंग बिजनेस प्रबंधक को निदेशित किया कि पीएमईजीपी के तहत आवेदित आवेदनों में किसी भी प्रकार की कमी पाई जाती है तो संबंधित बैंक एवं आवेदकों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए सामस्या का निदान करें, ताकि आवेदकों को समस्या का सामना न करना पड़े.
उपायुक्त ने किसान क्रेडिट कार्ड को डेयरी उद्योग, मछली पालन, मुद्रा लोन आदि के साथ लिंकेज करने का निदेश संबंधित अधिकारियों को दिया साथ ही ये भी निर्देशित किया कि लाभुकों को आवश्यक्तानुसार आर्सेटी के माध्यम से प्रशिक्षण भी दिलाया जाये, ताकि लोग आत्मनिर्भर हो सके. साथ ही अन्य लोगों को रोजगार भी मुहैया करा सके.
समीक्षा बैठक में उपरोक्त के अलावे उपविकास आयुक्त शैलेन्द्र कुमार लाल, वरीय वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र पी.के. सनिग्रही, एलडीएम आरपीएम सहाय, जिलां योजना पदाधिकारी अजय सिंह बड़ाइक, जिला मतस्य पदाधिकारी प्रशांत कुमार दीपक, निदेशक आर्सेटी कुलानंद झा, डीडीएम नाबार्ड आनंद कुमार, प्रशिक्षक आर्सेटी सियाराम सिंह, प्रबंधक EODBM पीयूष कुमार एवं संबंधित विभाग के अधिकारी व विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधि एवं संबंधित अधिकारी आदि उपस्थित थे.