रांची : सीपीआई के राज्य सचिव भुनेश्वर प्रसाद मेहता ने प्रदेश कार्यालय में पत्रकार वार्ता कर कहा कि हजारीबाग, चतरा, बोकारो एवं रामगढ़ में गैरमजरूआ जमीन एवं वन भूमि की लूट के संबंध में करीब 5 वर्षों से विभागों को लिखता रहा हूं, लेकिन अभी तक किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि जांच में करीब 1700 एकड़ अवैध बंदोबस्ती पाया गया है. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए बड़कागांव, केरेडारी के अवैध बंदोबस्ती की उच्चस्तरीय जांच की जाए.
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सरकार द्वारा एसआईटी गठित कर देवाशीष गुप्ता के नेतृत्व में प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सौंपा है. उन्होंने कहा कि 5000 करोड़ से अधिक जमीन बंदोबस्ती हुई और लगभग 3000 करोड़ का मुआवजा के रूप में भुकतान हुआ है. छोड़ दिए हुए करीब डेढ़ वर्ष हो गया है, लेकिन अभी तक कोई कार्यवाई नहीं हुई है.
बंदोबस्ती करने वाले अंचलाधिकारी दिलीप ठाकुर पर कार्रवाई के बजाय पैरवी और पैसे से टंडवा स्थानांतरण किया गया जो सही नहीं है. कहा कि बड़कागांव में सीधे-सीधे किसानों और गरीबों को करोड़ों रुपए जमीन माफिया एवं अंचलाधिकारी के दलालों द्वारा गैरमजरूआ जमीन के बंदोबस्ती के नाम पर किया गया है. जब बंदोबस्ती होती तब तक जांच शुरू हो गया अब तक गरीबों का पैसा डूबा हुआ है.
भुनेश्वर प्रसाद मेहता ने राज्य के अलग-अलग जिलों में जमीन के बंदोबस्ती के लिए कई डीसी व अंचला अधिकारी कर्मचारी एवं सी. आई. तथा एनटीपीसी के पदाधिकारी जो जमीन के संबंध में देखते हैं उनके खिलाफ बातें कहीं. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जमीन घोटाला करवाया जा रहा है. इस संबंध में प्रतिलिपि के तौर पर अमर कुमार बावरी राजस्व मंत्री एवं भूमि सुधार मुख्य सचिव झारखंड सरकार के. के. सचिव राजस्व एवं भूमि सुधार झारखंड सरकार साथ ही उपायुक्त रामगढ़, हजारीबाग, चतरा एवं बोकारो को आवश्यक कार्यवाई हेतु प्रेषित किया है.