नई दिल्ली: राजस्थान में पानी की कमी हमेशा से एक महत्वपूर्ण विषय रहा है, यहां रेगिस्तान के रेतीले धारों में तेल और गैस के भंडार है, इसके साथ ही अब यहां पानी का भी भंडार मिला है. हाल ही में भूगर्भ वैज्ञानिकों (Geologists) द्वारा की गई खोज में पाकिस्तान सीमा से सटे प्रदेश के बाड़मेर जिले के माडपुरा बरवाला में पानी का छोटा सागर मिला है जिसमें चार हजार 800 खरब लीटर पानी मौजूद है.
10 लाख की आबादी को मिल सकता है पीने का पानी
पानी का यह छोटा सागर बाड़मेर से जालौर जिले तक फैला हुआ है. बताया जा रहा है कि रेगिस्तान में मौजूद यह पानी खाड़ा है इसमें लवणीयता अधिक है. वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर खाड़ी देशों की तर्ज पर इस पानी को पीने योग्य बनाया जा सकता है तो इस खारे पानी को पीने योग्य बनाकर 10 लाख की आबादी को पीने का पानी मुहैया कराया जा सकता है.
केयर्न एनर्जी ने की पानी की खोज
केयर्न एनर्जी लंबे समय से रेगिस्तान में तेल और गैस की खोज कर रही है. इस खोज के दौरान पानी का खजाना उन्हें मिला है. इस खोज के बाद राजस्थान के राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय को इस दिशा में काम करना चाहिए, जिससे जरूरतमंदों को पानी मिल सके.
रेगिस्तान की पेयजल की समस्या का स्थाई समाधान मुमकिन
वहीं भूवैज्ञानिक अनिल पालीवाल ने बताया की पेट्रोल, भौतिक डाटा, भूकंपीय सर्वेक्षण और विस्तृत हाइड्रोजियोलॉजिकल जांच के आधार पर केयर आयल एंड गैस कंपनी ने बाड़मेर बेसिन में जल भंडारों की खोज की है.
जल संसाधन विभाग और केयर इंडिया एनर्जी के अफसरों का मानना है कि ये अनुमान से कहीं ज्यादा जल का यह भंडार है. लवणीयता कम करके इसे इस्तेमाल में लाया जाए जाता है तो रेगिस्तान की पेयजल की समस्या का स्थाई समाधान हो सकता है.