रांची : झारखंड राज्य में पहाड़िया जनजाति के विकास के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही है, ताकि इनका सामाजिक और आर्थिक रूप से विकास हो सके. लेकिन इसके विपरीत एक मामला सामने आया है. झाररखंड के पाकुड़ जिले के गांव में निवास करने वाले करीब 50 माल पहाड़िया जनजाति परिवारों के पिछले बीस वर्षो से जाति प्रमाण पत्र नहीं बनने के कारण सरकार द्वारा दी जाने वाली सारी सुविधा से मरहूम है. यहां तक की जाति प्रमाण पत्र नहीं बनने के कारण इन परिवार के लोगों के कई बच्चों की पढ़ाई बाधित हो गई है. गांव के कई बच्चों ने पढ़ाई छोड़ दिया है.
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उच्च स्तरीय शैक्षणिक संस्थानों में जाति प्रमाण पत्र का मांग किया जाता है. लेकिन जाति प्रमाण पत्र दे कहां से इसके अलावा जाति प्रमाण पत्र नहीं बनने के कारण कई समस्या माल पहाड़िया के समक्ष सहजता से देखा जा सकता है. इन परिवारों के द्वारा संबंधित विभाग सहित अन्य संस्थानों में इसमें सुधार करने के लिए शिकायत किया गया है, बावजूद इसके अब तक समाधान विचाराधीन है. फिलहाल माल पहाड़िया परिवार से आने वाले लोगों को जाति प्रमाणपत्र न बनना परेशानी का सबब बना हुआ है.
पहाड़िया जनजाति के लोग इस मामले को लेकर पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के मंत्री रामचंद्र सहिस के जनता दरबार पहुंचे है और मंत्री से फरियाद लगाई है. मंत्री सहिस ने भी इस मामले को संज्ञान में लेते हुए फरियादियों को समस्या का जल्द ही समाधान करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास से बात करने की बात कही है. अब यह देखना काफी अहम होगा कि मंत्री के आश्वासन के बाद पहाड़िया जनजाति के समस्या का समाधान हो पाता है या नहीं. यह तो आने वाला वक़्त ही बताएगा.