रांची:भारत के पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न स्व० प्रणब मुखर्जी के निधन पर झारखंड विधानसभा में आज अप० 4:00 बजे शोक सभा का आयोजन किया गया.माननीय अध्यक्ष झारखंड विधानसभा रबींद्र नाथ महतो ने शोक सभा को संबोधित करते हुए कहा,प्रणब दा का देहांत कल दिल्ली में हुआ.वे कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे.उनका देहावसान भारतीय राजनीति में एक युग का अंत है*.
प्रणव दा उन गिने-चुने राजनीतिज्ञों में थे जिनका तमाम वैचारिक मतभेद के बावजूद सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से मधुर संबंध रहे. वे राजनीति के परस्पर विरोधी दलों के बीच हमेशा एक पुल का कार्य किया करते थे.
स्वर्गीय प्रणव मुखर्जी का जन्म एक स्वतंत्रता सेनानी परिवार में 11 दिसंबर 1935 को मिरती गांव बीरभूम जिला पश्चिम बंगाल में हुआ था.पांच दशकों के राजनीतिक यात्रा के अलग-अलग समय में भारत सरकार के अनेक महत्वपूर्ण मंत्रालय पर कार्य करने का उन्हें अनुभव प्राप्त हुआ. भारत के वित्त मंत्री विदेश मंत्री जैसे महत्वपूर्ण दायित्वों को बखूबी निभाये*.
भारतीय गणराज्य की प्रथम नागरिक के रूप में उन्होंने जनमानस पर जो अपनी छाप छोड़ी है उसे भुलाया नहीं जा सकता.देश के प्रति उनका योगदान एवं उपलब्धियां अनुकरणीय है.उनकी निधन से हुई रिक्तता को पाटा नहीं जा सकता है*.
शोक सभा में दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की गई.
शोक सभा में विधानसभा के सचिव महेंद्र प्रसाद एवं विधानसभा के वरीय पदाधिकारी एवं कर्मी परस्पर सामाजिक दूरी को बनाते हुए उपस्थित थे.