मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में विदेश मंत्री रहीं सुषमा स्वराज का निधन हो गया है. हार्ट अटैक के बाद उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था. तबीयत खराब होने के फौरन बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. डॉक्टरों की एक टीम उनकी स्थिति पर लगातार निगरानी बनाए हुए थी. लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका और 67 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी AIIMS में मौजूद हैं.
सुषमा स्वराज दिसंबर 2016 से ही बिमार चल रही है. उन्हें लंबे समय से डाइबिटिज है. बाद में उनकी किडनी फेल हो गई थी, जिसके बाद सुषमा स्वराज की किडनी की ट्रांसप्लांट सर्जरी हुई.
सुषमा स्वराज की तबीयत खराब होने के फौरन बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. डॉक्टरों की एक टीम उनकी स्थिति पर लगातार निगरानी बनाए हुए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी अभी AIIMS पहुंचे हैं.
बता दें कि सुषमा स्वराज ने स्वास्थ्य कारणों से ही मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हुई थीं.उन्होंने विदेश मंत्री के तौर पर बड़ी भूमिकाएं निभाईं. विदेश में फंसे भारतीय लोगों के परिजनों ने कई बार उनको ट्वीट कर मदद मांगी और हर बार लोगों की मदद के लिए वह आगे आईं. इंदिरा गांधी के कार्यकाल में इमरजेंसी के दौरान अपने राजनीति करियर की शुरुआत करने वाली सुषमा स्वराज ने वर्ष 1977 में हरियाणा से विधायक निर्वाचित हुई थीं.
सुषमा स्वराज मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में विदेश मंत्री थीं. वह अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में भी मंत्री रही थीं. 16वीं लोकसभा में वह मध्य प्रदेश के विदिशा से सांसद चुनी गई थीं. इस बार उन्होंने खराब स्वास्थ्य की वजह से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था. विदेश मंत्री रहते हुए वह सोशल मीडिया पर शिकायतों को सुनने और उनके निपटारे के लिए काफी लोकप्रिय थीं. वह दिल्ली की मुख्यमंत्री भी रह चुकी हैं.