हजारीबाग: देश की पूर्व विदेश, सूचना एवं प्रसारण व स्वास्थ्य मंत्री सहित दिल्ली की मुख्यमंत्री सुषमा स्वराज नहीं रहीं। भाजपा की वरीय नेत्री के साथ साथ वे कला एवं साहित्य के क्षेत्र में काम करने वाली अखिल भारतीय संस्था संस्कार भारती की एक अभिभावक थीं। उनके जाने से संस्कार भारती का एक अभिभावक चला गया।
संस्कार भारती से जुड़े पदधारियों एवं कार्यकर्ताओं ने उनके जाने पर शोक संवेदना व्यक्त की है। प्रांत्रीय महामंत्री संजय कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि कला संस्कृति से श्रीमती सुषमा स्वराज का गहरा लगाव था, यही कारण है कि संस्कार भारती के कार्यक्रमों में उनकी सहभागिता काफी रहती थी।
प्रदेश मंत्री संगठन शाद्वल कुमार ने कहा कि स्व. सुषमा जी कला संस्कृति को समाज में सकारात्मक परिवर्तन का माध्यम मानती थीं। लखनऊ के अखिल भारतीय लोक कला साधक सम्मेलन से लेकर 2007 में कानपुर के बिठुर में आयोजित 1857 की 150वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उनकी सहभागिता महत्वपूर्ण रही।
1962 में चीन के आक्रमण के बाद ख्याति प्राप्त अंतरराष्ट्रीय गायिका लता मंगेशकर द्वारा गाए गए गीत ”जरा आँख में भर लो पानी…..” के 50 वर्ष पूरे होने पर संस्कार भारती द्वारा 2013 में अरुणाचल प्रदेश में शहीदोें के परिवारों को लेकर आयोजित सांस्कृतिक श्रद्धांजलि कार्यक्रम में भी तत्कालीन विपक्ष की नेता श्रीमती सुषमा स्वराज ने महती भूमिका निभाई। ऐसे स्व. सुषमा स्वराज संस्कार भारती के छोटे बड़े कई कार्यक्रमों में शामिल रही थीं।
प्रयाग राज में आयोजित सांस्कृतिक कुंभ के कार्यक्रम में भी उन्होंने बतौर अतिथि रहकर कला संस्कृति से अपने जुड़ाव को प्रदर्शित किया। उनके निधन पर संस्कार भारती के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने भी शोक संवेदना व्यक्त की है।
शोक संवेदना व्यक्त करने वालों में संस्था के अध्यक्ष कुमार केशव, सचिव डाॅ. प्रहलाद सिंह, कोषाध्यक्ष रविन्द्र कुमार, अनिल पांडेय सहित कई अन्य शामिल हैं।