जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाए जाने के सरकार के फैसले के बाद पाकिस्तान से लेकर अमेरिका तक हंगामा मच गया है। जहां बुधवार को पाकिस्तान ने भारत से अपने व्यापारिक और राजनयिक संबंधों को खत्म करने पर फैसला लिया तो दूसरी ओर अमेरिका ने भी जम्मू कश्मीर से भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद-370 हटाए के फैसले पर अपनी बात रखी। अमेरिका ने कहा है कि भारत ने अनुच्छेद-370 हटाए जाने के फैसले से पहले उन्हें इसकी जानकारी या कोई सलाह नहीं ली थी। अमेरिका ने भारत के उन दावों का खंडन किया कि जिसमें कहा गया था कि भारत ने अनुच्छेद-370 को खत्म करने से पहले अमेरिका को इसकी सूचना दी थी। सोमवार को आई एक मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया था कि भारत ने जम्मू कश्मीर पर अपने प्लान को लेकर अमेरिका को जानकारी दी थी। समाचार वेबसाइट ‘द प्रिंट’ ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने अपने अमेरिकी समकक्ष जॉन बोल्टन को फरवरी में ही जम्मू-कश्मीर को दिए गए विशेष विशेषाधिकारों को रद्द करने की सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी दी थी। इससे पहले मंगलवार को अमेरिका ने कहा था कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाए जाने के बाद भारत ने हमें जानकारी दी है। अमेरिका ने साथ ही कहा कि भारत ने इसे अपना आंतरिक मामला बताया है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मोर्गन ओर्टागस ने एक बयान में कुछ कश्मीरी नेताओं को हिरासत में लिए जाने की खबरों पर चिंता व्यक्त की और व्यक्तिगत अधिकारों का सम्मान और प्रभावित लोगों से वार्ता करने का आग्रह किया।
भारत द्वारा अनुच्छेद-370 को रद्द किए जाने के फैसले से पाकिस्तान तिलमिला उठा है। राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक के बाद पाकिस्तान ने फैसला लिया है कि वह भारत के साथ अपने कूटनीतिक संबंधों में कमी करेगा । इसके अलावा पाकिस्तान ने भारत के साथ सभी द्विपक्षीय व्यापारिक रिश्तों को भी तोड़ दिया है। पाकिस्तान की तरफ से कहा गया है कि वो कश्मीर मामले को यूएन में ले जाएगा।
पाकिस्तान के भारत के साथ व्यापारिक और राजनयिक संबंध खत्म करने के कुछ घंटों बाद ही अमेरिका ने इसपर बयान दिया है। अमेरिका के विभागीय अधिकारी ने कहा है कि भारत के नए कानून और जम्मू-कश्मीर के शासन पर उसकी लगातार नजर बनी हुई है। विदेश विभाग के प्रवक्ता ने पीटीआई भाषा को बताया कि, ‘जम्मू और कश्मीर की नई क्षेत्रीय स्थिति और शासन के बारे में अमेरिका भारत के कानून पर लगातार नजर बनाए हुए है। हम इन घटनाक्रमों के व्यापक प्रभाव को ध्यान में रख रहे हैं।’