जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती चाहती हैं कि उनके राज्यसभा के दोनों सांसद अपनी सदस्यता से इस्तीफा दे दें। एचटी को पूर्व सीएम के एक सहयोगी ने बताया कि जब महबूबा मुफ्ती घर से गेस्ट हाउस शिफ्ट हो रही थीं, जहां पर उन्हें गिरफ्तार किया गया है, तब उन्होंने संदेश दिया कि इस्तीफा दें या फिर निष्कासन का सामना करें। हालांकि, एचटी ने स्वतंत्र रूप से इसको कंफर्म नहीं किया है। पीडीपी ने बीजेपी के साथ जम्मू कश्मीर में जून 2018 तक सरकार चलाई थी। हालांकि, इसके बाद बीजेपी ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। वहीं, पीडीपी के राज्यसभा में दो सांसद हैं। मीर फय्याज और नजीर अहमद। राज्यसभा में अनुच्छेद 370 को हटाने को लेकर बिल पेश करने के बाद दोनों सांसदों ने अपने कपड़े फाड़ लिए थे। फय्याज ने कहा कि हम भी इस्तीफा देना चाहते हैं लेकिन उससे पहले अपने शीर्ष नेतृत्व से संपर्क करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘हम किसी से भी बातचीत नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि जम्मू कश्मीर की सभी फोन लाइनें बंद कर दी गई हैं। हम पहले इस बारे में चर्चा करेंगे और फिर फैसला लेंगे।
जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा संबंधी अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने के प्रस्ताव संबंधी संकल्प और जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित करने वाले विधेयक को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार रात को मंजूरी दे दी थी। इसका मतलब यह हुआ कि अब इसे कानूनी तौर पर लागू किया जा सकेगा। इससे पहले संसद ने भी इस विधेयक पर अपनी मुहर लगाई। राज्ससभा में जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन विधेयक, 2019 को 70 के मुकाबले 370 मतों से स्वीकृति दी। जबकि मंगलवार को लोकसभा ने अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने के प्रस्ताव संबंधी संकल्प को 72 के मुकाबले 351 मतों से स्वीकृति दी।