रांची: सीसीएल के अप्रनि पी.एम. प्रसाद के मार्गनिर्देंशन में सीसीएल दरभंगा हाउस सहित सीसीएल के समस्त क्षेत्रों में ‘हिन्दी दिवस’ के उपलक्ष्य में ‘लाइव वेबिनार’ का आयोजन किया जिसका विषय ‘हिन्दी का भविष्य एवं भविष्यकी हिन्दी’ था. इस अवसर पर सभी क्षेत्रों के वीसी कक्ष (VC ROOM) के साथ-साथ पर्सनल कम्प्यूटर तथा फोन में एप्प के माध्यम से भी इस लाईव वेबिनार का प्रसारण किया गया.
इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में हिन्दी विभाग, रांची विश्वविद्यालय के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ.जंगबहादुर पांडेय एवं हिन्दी विभाग, संत.ज़ेवियर कॉलेज, रांची के विभागाध्यक्ष डॉ. कमल कुमार बोस थे. कार्यक्रम का प्रारम्भ अप्रनि पीएम प्रसाद के संदेश के साथ हुई.
पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ.जंगबहादुर पांडेय ने हिन्दी दिवस की सभी को बधाई देते हुए सीसीएल प्रबंधन का इस आयोजन के लिए आभार व्यक्त किया. उन्होंने ‘हिन्दी का भविष्य एवं भविष्य की हिन्दी’ विषय पर विस्तार से जानकारी देते हुये कहा कि हिन्दी का भविष्य निश्चय ही उज्जवल है. भाषा किसी भी राष्ट्र की अस्मिता, वैभव तथा अर्थव्यवस्था की पहचान है.
उन्होंने निज भाषा पर जोर देते हुये कहा कि हिन्दी के वगैर राष्ट्र का विकास नहीं हो सकता है. उन्होंने दूसरे देशों की उदाहरण देते हुये कहा किइंगलैण्ड अंग्रेजी दिवस नहीं मनाता,जर्मनीजर्मन दिवस नहीं मनाता, चीन चीनी दिवस नहीं मनाता है लेकिन वह 365 दिन अपनी भाषा में कार्य करता है लेकिन हम हिन्दी दिवस मनाते हुये भी 365 दिन हिन्दी में कार्य नहीं करते हैं.
हिन्दी का निरंतर विस्तार हो रहा है, हिन्दी के छात्रों एवं लोगों की संख्या सतत बढ़ रही है. विश्व के 95 विश्वविद्यालयों में हिन्दी की पढ़ाई हो रही है. वह दिन दूर नहीं है कि संयुक्त राष्ट्र संघ की 7वीं भाषा के रूप में शामिल होगी उन्होंने कहा कि हिन्दी एक समृद्ध भाषा है. उन्होंने सभी को प्रेरित करते हुये कहा कि आज इस पवित्र दिन में हम संकल्प लेंगे हम तन मन से हिन्दी को अपनायेंगे.
संत जेवियर कॉलेज के हिन्दी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. कमल कुमार बोस ने अपने संबोधन में कहा कि कहा कि हिन्दी पूरे देश को जोड़ने वाली भाषा है. उन्होंने कहा कि देश में जितनी भी क्षेत्रीय भाषायें हैं उन सभी के साथ ‘‘हिन्दी’’ समन्वय का काम करती है. उन्होंने कहा कि यह भाषा जितनी समृद्ध होगी हमारी संस्कृति भी उतनी ही समृद्ध होगी.
उन्होंने ‘हिन्दी का भविष्य एवं भविष्य की हिन्दी’ के बारे में कहा कि जैसा वर्तमान होता है वैसा भविष्य होता है. हिन्दी प्रयोग का आधुनिक रूप हमें आश्वस्त करती है कि हिन्दी का भविष्य उज्जवल है. उन्होंने कहा कि हिन्दी एक जीवंत और समृद्ध भाषा है. उन्होंने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं कि भाषा परिवर्तनशील है.
हिन्दी रचनात्मक सीमाओं को छोड़कर बहुत आगे बढ़ गयी है. हिन्दी की व्यापकता का आधार जीवन के सभी क्षेत्रों में उसका दखल है. आज हिन्दी का साहित्य से लेकर बाज़ार, विज्ञान, तकनीक तक व्यापक दखल है. हिन्दी को आयोजनों में सीमित रखकर आगे नहीं बढ़ा सकते बल्कि हिन्दी को अपनाकर ही आगे बढ़ा सकते हैं. कुछ लोग हिन्दी के ताकत को जाने वगैर हिन्दी को कमजारे घोषित करते हैं.
हम हिन्दी से दूर रहकर इसके बारे में जान नहीं सकते. जीवन के विभिन्न आवश्यकता अनुसार हिन्दी नये स्वरूप में जीवन आज सभी चुनौतियों का डट कर सामना करने को तैयार है. हिन्दी में ऊंच नीच का भेदभाव नहीं है. आधे अक्षर को सहयोग देने के लिए पूरा अक्षर सहयोग देने के लिए तैयार है.
उन्होंने कहा कि हिन्दी क्षेत्रों के साथ-साथ अहिन्दी क्षेत्र में भी हिन्दी का प्रयोग बढ़ रहा है तथा यदि हिन्दी को प्रयोग को बढ़ाना है तो आडंबर पूर्ण यांत्रिक भाषा के प्रयोग से हुमे बचना होगा और सुरुचि पूर्ण, सरल भाषा का प्रयोग करना होगा.
अंत में धन्यवाद ज्ञापन दिविक दिवेश,सहायक प्रबन्धक (राजभाषा) ने दिया. कार्यक्रम का आयोजन महाप्रबंधक(राजभाषा) विजय कुमार की टीम एवं ईएनटी विभाग के सहयोग से किया गया.
राजभाषा माह के अंतर्गत 18एवं 19 सितम्बर को क्वीज प्रतियोगिता का आयोजन ऑनलाईन के माध्यम से किया जायेगा, प्रतियोगिता से संबंधित जानकारी सीसीएल के वेबसाईट http://www.centralcoalfields.in पर उपलब्ध है.