इस्लामाबाद: अमेरिका ने पाकिस्तान से प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों और उनके आकाओं के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने की हिदायत दी है, ताकि कई देशों की चिंताएं दूर की जा सकें। अमेरिका का मानना है कि इससे पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे सूची से बाहर निकलने में मदद मिलेगी। समाचारपत्र डॉन की खबर के अनुसार, एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि अमेरिका का एक प्रतिनिधिमंडल पेरिस स्थित धनशोधन निरोधक निगरानी संस्था की फ्लोरिडा में हुई बैठकों में उठाए गए कदमों आकलन करने के लिए इस्लामाबाद आया है। प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान द्वारा इस संबंध में अभी तक की गई प्रगति को देखने को लिए पाकिस्तान पहुंचा है।
एफएटीएफ ने जून में कहा था कि पाकिस्तान आतंकवाद के वित्तपोषण पर अपनी कार्य योजना को पूरा करने में नाकाम रहा है। उसने इस्लामाबाद को अपनी प्रतिबद्धताएं अक्टूबर तक पूरा करने या फिर कार्रवाई का सामना करने के लिए चेताया था। इसमें नाकाम रहने पर पाकिस्तान को काली सूची में डाला जा सकता है।
इस प्रतिनिधिमंडल में दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के ब्यूरो के राजदूत ऐलिस जी. वेल्स, अमेरिकी ट्रेजरी के अधिकारी स्कॉट रेम्ब्रांट, ग्रांट विकर्स, डेविड गालब्रेथ और अन्य शामिल रहे। वह मंगलवार को वित्त एवं राजस्व मामलों में प्रधानमंत्री के सलाहकार डॉ. अब्दुल हफीज शेख से मिले।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया, “सलाहकार ने प्रतिनिधिमंडल को आर्थिक अनुशासन सुनिश्चित करने के संबंध में अनेक पहलुओं की जानकारी दी। बयान में बताया गया कि उन्होंने एफएटीएफ की कार्ययोजना लागू करने में किए जा रहे प्रयासों और उसके समक्ष आ रही चुनौतियों के बारे में पाकिस्तान सरकार द्वारा उठाए जा रहे आर्थिक सुधारों से संबंधित जानकारी दी।
एफएटीएफ से बातचीत कर रही पाकिस्तानी टीम का हिस्सा रहे एक अधिकारी ने कहा कि अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का प्रतिबंधित संगठनों, उनकी गतिविधियों और उनके नेताओं की गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई पर कड़ा रुख रहा है। वह एफएटीएफ के अधिकांश सदस्यों की चिंताओं को दूर करने के लिए इस दिशा में ठोस कार्रवाई चाहता है।
रिपोर्ट के अनुसार, आधिकारिक बयान में बताया गया कि पाकिस्तान ने इस दिशा में पिछले कुछ महीनों में महत्वपूर्ण प्रगति की है। वित्त सलाहकार ने अमेरिका के साथ द्विपक्षीय जुड़ाव के महत्व पर जोर दिया और प्रतिनिधिमंडल को बताया कि पिछले तीन महीनों में सरकार ने वित्तीय अनुशासन लाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।