कांग्रेस अध्यक्ष पद से राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद अभी तक पार्टी को नया प्रमुख नहीं मिल पाया है। इसे लेकर शनिवार दोपहर तक कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक चली लेकिन नए पार्टी प्रमुख के नाम पर सहमति नहीं बन पाई। अब रात आठ बजे से कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक दोबारा शुरू होगी। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बताया कि रात आठ बजे सीडब्ल्यूसी की फिर बैठक होगी जिसमें नए अध्यक्ष के नाम पर फैसला लिया जाएगा। सुरजेवाला ने यह भी कहा कि अभी राहुल गांधी का इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ है।
दोपहर को बैठक के खत्म होने से पहले ही सोनिया गांधी ने कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक छोड़ दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष के चयन के मामले में वह और राहुल गांधी परामर्श प्रक्रिया का हिस्सा नहीं हैं इसलिए बैठक से बाहर हैं। दोपहर को बैठक से बाहर आते हुए कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हम रात आठ बजे दोबारा मिलेंगे। रात नौ बजे तक नए अध्यक्ष का नाम सामने आ सकता है। वहीं सुरजेवाला ने बताया कि सभी सदस्यों ने राहुल गांधी से अध्यक्ष बने रहने और नेतृत्व करने का एक सहमति से आग्रह किया। लेकिन राहुल गांधी ने अपना इस्तीफा वापस लेने से इनकार कर दिया।
कांग्रेस अपना नया अध्यक्ष चुन लेगी या राहुल गांधी के उत्तराधिकारी की तलाश अभी लंबी खिंचेगी इसकी तस्वीर आज रात नौ बजे तक साफ हो जाने की संभावना है। सूत्रों की मानें तो कार्यसमिति की बैठक से पहले शुक्रवार को हुई पार्टी के प्रदेश नेताओं और सांसदों की बैठक में तमाम नेताओं ने राहुल गांधी को साफ संकेत दे दिया कि उन्हें थोपा गया अध्यक्ष मंजूर नहीं होगा।
सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति पांच अलग-अलग समूहों में नए अध्यक्ष के नाम पर चर्चा कर रही है। इन समूहों की बातचीत में निकले निष्कर्ष के आधार पर ही नए अध्यक्ष के नाम पर अंतिम फैसला किया जाएगा। समूह के नेता राज्य के पार्टी प्रमुखों के साथ अगले कांग्रेस अध्यक्ष के नामों पर चर्चा कर रहे हैं। गौरतलब है कि नए अध्यक्ष को चुनने के लिए इससे पहले भी कई दौर की बैठकें हुईं, लेकिन किसी नाम पर सहमति नहीं बन पाई है।
सूत्रों का कहना है कि खड़गे समेत कई दलित समुदाय के नेता अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल हैं। नए अध्यक्ष को लेकर मुकुल वासनिक, मल्लिकार्जुन खड़गे, अशोक गहलोत, सुशील कुमार शिंदे समेत कई वरिष्ठ नेताओं के नामों की चर्चा है। सूत्र यह भी बताते हैं कि मुकुल वासनिक का नाम सबसे आगे है। देखा जाए तो कांग्रेस के सबसे संकटपूर्ण दौर में फिलहाल गांधी परिवार का नेतृत्व होते हुए भी जब पार्टी नेता खुलेआम पार्टी लाइन से असहमति जता रहे हैं। ऐसे में गांधी परिवार से बाहर के नए नेतृत्व के लिए भविष्य की चुनौती कितनी गंभीर होगी इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है।
बताया जाता है कि शुक्रवार को हुई कांग्रेस नेताओं की यह बैठक अनुच्छेद 370 के मसले पर आमराय बनाने के लिए बुलाई गई थी लेकिन इसमें नए अध्यक्ष को लेकर तमाम प्रदेशों के नेताओं ने अपने इरादे साफ कर दिए। इन नेताओं का कहना था कि पार्टी का एक वर्ग नए अध्यक्ष के लिए कुछ ऐसे नामों को आगे बढ़ा रहा है जो पार्टी का नेतृत्व करने में उतने सक्षम नहीं हैं। पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने तो साफ कहा कि कुछ स्वार्थी लोग राहुल गांधी की कुर्बानी पर पानी फेरने की कोशिश में प्रायोजित नामों को उछाल रहे हैं।
सूत्रों की मानें तो अध्यक्ष पद की रेस में कुछ एक नाम ऐसे भी हैं जो मुंबई के औद्योगिक घरानों के रहनुमा हैं और पार्टी कैडर में उनका कोई आधार नहीं है। बैठक के बाद इन नेताओं ने अपना यह संदेश राहुल गांधी तक पहुंचा भी दिया। इन नेताओं ने राहुल से कहा कि पार्टी को मौजूदा मुश्किल दौर में सक्षम नेतृत्व की जरूरत है और इसलिए उन्हें अपना उत्तराधिकारी तय करने में अहम भूमिका निभानी होगी। सूत्रों के अनुसार, इसके बाद राहुल ने इन नेताओं को भरोसा दिया कि वे उनके परिवार की तरह हैं और कांग्रेस के नए अध्यक्ष को चुनने में उनकी बातों का पूरा खयाल रखा जाएगा।
उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद राहुल गांधी ने पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। उस समय उनके इस्तीफे को अस्वीकार करते हुए कांग्रेस कार्यकारिणी ने उन्हें पार्टी में आमूलचूल बदलाव के लिए अधिकृत किया था। हालांकि, राहुल गांधी अपने रुख पर अड़े रहे। उन्होंने साफ कर दिया था कि न तो वह और ना ही गांधी परिवार का कोई दूसरा सदस्य इस जिम्मेदारी को संभालेगा। अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए राहुल ने यह भी कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष नहीं रहते हुए भी वह पार्टी के लिए सक्रिय रूप से काम करते रहेंगे।