समाजवादी पार्टी के दो बड़े नेता सुरेंद्र नागर और संजय सेठ ने भाजपा का दामन थाम लिया है। सुरेंद्र नागर और संजय सेठ ने कुछ दिनों पहले ही उच्च सदन राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद उनके भाजपा में जाने की अटकलें बढ़ गई थीं। सभापति वेंकैंया नायडु के द्वारा इस्तीफे को मंजूर होने बाद आज शनिवार को भाजपा में शामिल हो गए हैं। अब इसी के साथ राज्यसभा में समाजवादी पार्टी की ताकत 11 से 9 हो गई है।
दो अगस्त को उच्च सदन में विपक्षी एकता को झटका देते हुए तीन बड़े चेहरे दो समाजवादी पार्टी से और एक कांग्रेस से ताल्लुक रखने वाले सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफा देनेवालों में सपा से सुरेंद्र नागर और संजय सेठ वहीं कांग्रेस से भुवनेश्वर कालिता शामिल रहे।
सुरेंद्र नागर के बारे में यह बताया जाता है कि वह मुलायम सिंह के काफी करीबी हुआ करते थे मगर अब अखिलेश को झटका देते हुए उन्होंने साइकिल (सपा) से उतर कर भाजपा का दामन थाम लिया है। उनका राज्यसभा में कार्यकाल तीन साल तक बचा था वह 2022 में उनका छह साल का कार्यकाल खत्म होता। संजय सेठ का इस्तीफा देने से सपा को बड़ा झटका लगा है, क्योंकि वह अखिलेश यादव के करीबी माने जाते हैं। इससे पहले 16 जुलाई को सपा के राज्यसभा सदस्य नीरज शेखर ने भी पार्टी और उच्च सदन की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। नीरज भाजपा में शामिल हो चुके हैं।