पटना: बिहार के मुजफ्फरपुर में एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम और जापानी इंसेफलाइटिस या चमकी बुखार से अब तक 84 बच्चों की मौत हो चुकी है. इसी बीच बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन स्थिति का जायजा लेने एवं समीक्षा करने के लिए रविवार को मुजफ्फरपुर पहुंचे हैं. यहां उन्होंने कृष्णा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (एसकेएमसीएच) का दौरा किया.इससे एक दिन पहले हर्षवर्धन ने अपने मुजफ्फरपुर दौरे की जानकारी देते हुए कहा था कि केंद्र बिहार को एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम और जापानी इंसेफलाइटिस के मामलों को रोकने एवं उसके प्रबंधन के लिए हर तरह की मदद मुहैया करा रहा है .
Bihar: Union Health Minister Dr Harsh Vardhan reaches Sri Krishna Medical College & Hospital in Muzaffarpur, to review the situation prevailing due to the outbreak of Acute Encephalitis Syndrome (AES). Death toll due to AES has risen to 80 in Muzaffarpur. pic.twitter.com/sppPkaQbvt
— ANI (@ANI) June 16, 2019
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री यहां मौजूद विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखने वाले दलों से बातचीत करेंगे और राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक को संबोधित करेंगे. उन्होंने कहा था, “मैं केंद्र की उच्चस्तरीय विशेषज्ञों की टीम द्वारा सुझाए गए प्रबंधन के उपायों और तत्काल एवं चिरकालिक उपायों के तहत स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन तथा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय समेत केंद्र सरकार के अन्य मंत्रालयों के जरिए जो कुछ मदद की जा सकती है उस पर चर्चा करुंगा.”
Bihar: Death toll due to Acute Encephalitis Syndrome (AES) in Muzaffarpur rises to 84. pic.twitter.com/lVnzrRL1ne
— ANI (@ANI) June 16, 2019
वर्धन के अनुसार केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय लगातार स्थिति की निगरानी कर रहा है और एईएस/जेई के मामलों के प्रबंधन में राज्य स्वास्थ्य अधिकारियों की सहायता कर रहा है. उन्होंने कहा, ‘प्रभावित इलाकों में केंद्रीय एवं राज्य के दलों की हर वक्त की मौजूदगी और उनके द्वारा उठाए गए बचाव कार्यों ने लोगों के बीच भरोसा जगाया है. हम जल्द ही एएसई/जेई मामलों को बढ़ने से रोकने में सक्षम होंगे.’
केंद्रीय मंत्री ने हाल में बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे से दो बार मुलाकात की और इस दौरान मुजफ्फरपुर में एईएस के और बिहार के ही गया में जेई के बढ़ते मामलों की खबरों और इन्हें रोकने के लिए जन स्वास्थ्य उपायों पर चर्चा की.